पटना (आईएएनएस)| बिहार में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से संतोष सुमन के इस्तीफा के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जाने लगे हैं। संभावना तो यहां तक जताई जा रही है कि 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक से पहले ही नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। वैसे, महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कांग्रेस मंत्रिमंडल में कम कोटा मिलने की शिकायत करते हुए मंत्रिमंडल विस्तार की बात करती रही है। ऐसे में संतोष सुमन के मंत्री से हटने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा फिर से शुरू हुई है।
जदयू के सूत्रों का मानना है संतोष सुमन की जगह सहरसा के सोनबरसा से तीन बार के विधायक रत्नेश सदा को जदयू कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अचानक फोन कर उन्हें पटना बुलाया है और उन्हें फिलहाल पटना नहीं छोड़ने के निर्देश भी दिए गए हैं।
माना जा रहा है रत्नेश सदा के रूप में नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन का विकल्प ढूंढ लिया है। सदा मुसहर समाज से ही आते है और इन्हें ज्यादा जनाधार वाला नेता माना जाता है। उल्लेखनीय है कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद विभिन्न कारणों से राजद कोटे के दो मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा था। अब संभावना जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल विस्तार में उन दो स्थानों को भी भरा जा सकता है।
इधर, कांग्रेस के बिहार विधानसभा में 19 सदस्य हैं, जबकि मंत्रिमंडल में कांग्रेस कोटे से दो ही सदस्य हैं। कांग्रेस कई बार मंत्रिमंडल में अपना कोटा बढ़ाने की बात करती रही है। मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस कोटे से दो मंत्री पद मिलने की उम्मीद लगाए बैठी है। बहरहाल, विपक्षी दलों की बैठक के पूर्व संतोष सुमन के मंत्रिमंडल से इस्तीफा के बाद राज्य की सियासत अचानक गर्म हो गई है।
संतोष सुमन फिलहाल खुद को महागठबंधन में ही बता रहे हैं जबकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इशारों में साफ कर दिया है कि वे महागठबंधन से बाहर हो चुके हैं। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि मंत्रिमंडल विस्तार कब होता है और किस कोटे से किसे मंत्री बनाया जाता है।