नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान, टोल प्लाजा को लेकर कही ये बात

Update: 2022-08-24 09:17 GMT
न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: केंद्र सरकार देशभर में नेशनल हाइवे से टोल प्लाजा खत्म करने की योजना बना रही है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की योजना है कि इसके लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाए जाएंगे, जो अपने आप ही वाहन की नंबर प्लेट को रीड कर लेंगे और वाहन के मालिक के अकाउंट से टोल कट जाएगा. नितिन गडकरी ने बताया कि इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है और इसे सुविधाजनक बनाने के लिए कानूनी संशोधन पर भी काम हो रहा है.

नितिन गडकरी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 2019 में हमने नियम बनाया था कि कारें कंपनी द्वारा लगाई गईं नंबर प्लेट के साथ आएंगी. अब टोल प्लाजा को हटाने का प्लान है. इसकी जगह कैमरे लगाए जाएंगे. ये कैमरे नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और पैसे डायरेक्ट अकाउंट से कट जाएंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, इसमें एक दिक्कत है कि टोल प्लाजा पर भुगतान नहीं करने वाले वाहन मालिक को दंडित करने का कोई प्रावधान कानून में मौजूद नहीं है. हमें इसे कानून के तहत लाना होगा. गडकरी ने कहा, हम कारों के लिए भी प्रावधान ला सकते हैं, जिसमें निश्चित समय में नंबर प्लेट लगाने का प्रावधान हो. इसके लिए हमें एक बिल लाना होगा.
उन्होंने कहा, मौजूदा समय में करीब 97% टोल कलेक्शन यानी 40,000 करोड़ रुपए FASTags के जरिए आया है. जबकि 3% लोगों ने FASTags का इस्तेमाल न करने पर सामान्य टोल रेट से ज्यादा का भुगतान किया है. गडकरी ने कहा, FASTags लगाए हुए वाहन को टोल से गुजरने में 47 सेकेंड लगता है.
नितिन गडकरी ने फिक्की के सड़क और परिवहन कार्यक्रम में कहा कि सरकार आम आदमी के पैसे से सड़क बनाएगी. उन्होंने कहा, नेशनल हाईवे बनाने के लिए सरकार आम आदमी को 10 लाख रुपए तक का निवेश करने का मौका देगी. मजदूर, कामगार, पत्रकार हर कोई 10 लाख रुपए तक का निवेश कर पाएगा. इसके बदले सरकार से उसे 7 से 8% का ब्याज मिलेगा.
गडकरी ने कहा, "मैं चार प्रोजेक्ट लेकर जा रहा हूं और मैंने तय किया है कि अगर कोई 10 लाख रुपए तक का निवेश करेगा, तो हम सुनिश्चित करेंगे कि उसे 7 से 8% तक का ब्याज दे सकें. इसको लेकर श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की से चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि इसके लिए तो हम पूरा पैसा दे देंगे क्योंकि इससे बढ़िया रिटर्न कहां मिलेगा.''
उन्होंने कहा, शुरुआत ₹10 लाख से करेंगे और उसके बाद हाईवे में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट को मौका देंगे और उसके बाद मौका रहा तो फॉरेन इन्वेस्टमेंट को भी जगह देंगे. हम छोटे इन्वेस्टर्स को इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश करने का मौका देंगे.
Tags:    

Similar News

-->