नई दिल्ली: एक महिला, समाज के लिए एक वास्तुकार की भूमिका निभाती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग और अटल न्यू इंडिया चैलेंज की महिला केंद्रित चुनौतियां, जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों के समाधान का प्रयास कर रही हैं। इनमें नवाचार के माध्यम से महिलाओं की स्वच्छता को बढ़ावा देना, महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए नवाचार, महिलाओं के लिए पेशेवर नेटवकिर्ंग के अवसर, कामकाजी माताओं के जीवन को बेहतर बनाने वाले नवाचार, ग्रामीण महिलाओं के जीवन को आसान बनाना आदि शामिल हैं।
अटल नवाचार मिशन (एआईएम), नीति आयोग ने बुधवार को अटल न्यू इंडिया चैलेंज (एएनआईसी) के दूसरे संस्करण के दूसरे चरण के तहत महिला केंद्रित चुनौतियों का आरंभ किया है। यह एएनआईसी, एआईएम और नीति आयोग की पहल है। इसका लक्ष्य 1 करोड़ रुपये तक की अनुदान-आधारित व्यवस्था के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता की क्षेत्रीय चुनौतियों को हल करने वाले प्रौद्योगिकी-आधारित नवाचारों की तलाश करना। उनका चयन करना, उन्हें समर्थन देना और उनका पोषण करना है।
बुधवार को इस विषय पर नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर ने कहा, नीति आयोग और एआईएम में, हमारा ध्यान महिला सशक्तिकरण पर है और यह कार्यक्रम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम महिला केंद्रित चुनौतियों का शुभारंभ कर रहे हैं। मैं एआईएम टीम को बधाई देता हूं और मुझे खुशी है कि मैं अपने युवा नवोन्मेषियों के लिए ऐसी चुनौतियां पेश कर रहा हूं। ये चुनौतियाँ विचारोत्तेजक हैं और इनसे प्रमुख नवाचार और समाधान सामने आ सकते हैं।
चुनौतियों का शुभारंभ करते हुए, एआईएम, नीति आयोग के मिशन निदेशक ने कहा, हम एआईएम में महिला केंद्रित चुनौतियां शुरू कर रहे हैं, जो हमारे प्रधानमंत्री के उस विजन के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने महिलाओं और बालिकाओं को अपनी अधिकतम क्षमता हासिल करने के लिए उन्हें सक्षम बनाने की बात कही थी। जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों के समाधान से जुड़ी इन चुनौतियों ने एएनआईसी को अंतिम स्वरूप प्रदान किया। मैं नवोन्मेषियों को हमारी वेबसाइट पर जाने और इस नेक पहल के लिए जल्द से जल्द आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।
गौरतलब है कि जामिया मिलिया इस्लामिया द्वारा शुरू किए गए महिलाओं की स्वच्छता से जुड़े एक प्रोजेक्ट को अमेरिका द्वारा सम्मानित किया गया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया का प्रोजेक्ट 'श्रीमती' यूएसए पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 'द ग्रेटेस्ट इंपेक्ट ऑन रेड्यूसिंग द एड्वर्स इफेक्ट्स ऑन क्लाइमेट' प्रतिस्पर्धा में प्रोजेक्ट 'श्रीमती' विजेता रही। परियोजना श्रीमती का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल, बायोडिग्रेडेबल और रियूजेबल सैनिटरी पैड बनाने के सिद्धांतों पर काम करना है। इसके साथ ही एक समुदाय-आधारित संगठन के सहयोग से नई दिल्ली में महिला समुदाय को एक स्थिर आय स्रोत प्रदान करना भी इसका उद्देश्य है।