NIA ने की बड़ी कार्रवाई, LTTE के एक पूर्व सदस्य सतकुनम उर्फ सबेसन गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) की खुफिया शाखा के एक पूर्व सदस्य सतकुनम उर्फ सबेसन को गिरफ्तार किया है. उसकी यह गिरफ्तारी पाकिस्तान से श्रीलंका में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की जांच और तमिल उग्रवादी संगठन के पुनरुद्धार को आगे बढ़ाने व समर्थन करने के संबंध में हुई है. यह जानकारी अधिकारी ने दी है.
श्रीलंकाई नागरिक 47 वर्षीय सबेसन को मंगलवार को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया, जहां वह मौजूदा समय में रह रहा था. केंद्रीय आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी ने छह श्रीलंकाई नागरिकों के खिलाफ चल रही जांच को इस साल की शुरुआत में अपने हाथ में ले लिया था. उनके कब्जे से पांच एके 47 राइफल, हजारों 9 मिमी गोला-बारूद और 300 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती की गई थी. 18 मार्च को लक्षद्वीप में मिनिकॉय के तट के तटरक्षक बल द्वारा मछली पकड़ने के एक जहाज रविहांसी को रोका गया था, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में गोला बारूद और हेरोइन पाई गई थी. एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि सबेसन ने भारत में लिट्टे से सहानुभूति रखने वाले लोगों के साथ साजिश करने की बैठकें आयोजित की थीं. एजेंसी ने बुधवार को एक बयान में कहा, "उसने लिट्टे के पुनरुद्धार के लिए श्रीलंका में लिट्टे के पूर्व कैडरों को मादक पदार्थों की तस्करी की खेप को भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.' एनआईए अधिकारी ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है. लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) ने 2009 में श्रीलंकाई सेना द्वारा अपने सर्वोच्च नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन की हत्या के बाद लगभग 30 वर्षों तक द्वीप राष्ट्र के उत्तरी और पूर्वी प्रांतों में एक अलग तमिल राष्ट्र के लिए सैन्य अभियान चलाया था.
वहीं, बीते दिन एनआईए ने एक विशेष अदालत में भारत-श्रीलंका समुद्री सीमा पार फैले एक संगठित अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर गिरोह के साथ कथित संलिप्तता के मामले में छह लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा था कि दिनाकरन, कासी विश्वनाथन, रसूल, साथमउशेन, अब्दुल मुहीतू और सोकरात पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. ये सभी तमिलनाडु के निवासी हैं.
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि इन सभी पर भारत-श्रीलंका समुद्री सीमा पार फैले एक संगठित अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह में शामिल होने का आरोप है, जो कनाडा भेजने के बहाने श्रीलंकाई नागरिकों को बहला-फुसलाकर भारत में विभिन्न स्थानों पर बंधक बना लेते थे. जानकारी मिली थी कि कुछ श्रीलंकाई वैध दस्तावेजों के बिना एक लॉज में रह रहे हैं जिसके आधार पर जून में मंगलुरु में 25 श्रीलंकाई नागरिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. बाद में की गई छापेमारी के दौरान 13 और श्रीलंकाई पकड़े गए थे. इन 38 श्रीलंकाई नागरिकों को फरवरी से अप्रैल की अवधि के दौरान चार जत्थों में भारत लाया गया था.