NHRC ने राज्य मानवाधिकार आयोगों के साथ की बैठक, सहयोग के नये क्षेत्र तलाशने पर चर्चा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राज्य मानवाधिकार आयोगों (एसएचआरसी) ने सहयोग के नये क्षेत्रों को तलाशने और मानवाधिकारों के संरक्षण और प्रोत्साहन के सर्वश्रेष्छ तौर-तरीकों को साझा करने के लिए बुधवार को बैठक की. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा की उपस्थिति में यहां विज्ञान भवन में यह बैठक हुई. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मंगलवार को अपना 28वां स्थापना दिवस मनाया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनएचआरसी और एसएचआरसी की बैठक मानवाधिकारों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए सहयोग के समान एवं नये क्षेत्रों को तलाशने के मकसद से हुई है. उन्होंने कहा कि इसका मकसद विभिन्न एसएचआरसी की ओर से मानवाधिकारों के संरक्षण एवं प्रोत्साहन की दिशा में अपनाए गए सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीकों और एवं गतिविधियों को साझा करना है. एनएचआरसी और एसएचआरसी मानवाधिकार संरक्षण आयोग कानून-1993 के तहत संचालित होते हैं. एसएचआरसी राज्य स्तर पर स्वतंत्र इकाइयां होती हैं और वे एनएचआरसी के तहत नहीं आते हैं.
पिछले 28 वर्षों से काम कर रहा है NHRC
मिश्रा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस के मौके पर कहा था कि एनएचआरसी पिछले 28 वर्षों से काम कर रहा है, हालांकि कई शक्तिशाली देशों में अभी तक ऐसी संस्थाएं स्थापित नहीं हुई हैं. दुनिया की आबादी का लगभग छठा हिस्सा भारत में रहता है. भारत में एक लोकतांत्रिक प्रणाली है, जो हर मुद्दे को शांतिपूर्ण और वैध तरीके से हल करती है.
NHRC मानवाधिकारों के उल्लंघन का संज्ञान लेता है, जांच करता है और सार्वजनिक प्राधिकारों द्वारा पीड़ितों को दिए जाने के लिए मुआवजे की सिफारिश करता है. मानवाधिकार संरक्षण कानून, 1993 के तहत आयोग की स्थापना की गयी थी. भारत में NHRC, मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया के अन्य राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों (NHRI) के साथ समन्वय करने में सक्रिय भूमिका निभाता है. इसने संयुक्त राष्ट्र निकायों और अन्य मानवाधिकार निकायों के साथ-साथ नागरिक समाज के सदस्यों, वकीलों और कई देशों के राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडलों की भी मेजबानी की है.