एनएचएआई ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर धीमी चलने वाले वाहनों पर रोक लगाई
एनएचएआई ने इस पर गजट नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि तेज गति वाले वाहनों की आवाजाही से तुलनात्मक रूप से धीमी गति से चलने वाले वाहनों की कुछ श्रेणियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है, "उच्च गति वाले वाहनों की आवाजाही तुलनात्मक रूप से धीमी गति से चलने वाले वाहनों की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकती है, जैसे दो पहिया, तिपहिया और अन्य धीमी गति से चलने वाले वाहन जैसे गैर-मोटर चालित वाहन, कृषि ट्रैक्टर (ट्रेलर के साथ या बिना) वगैरह।" अधिसूचना में कहा गया है कि इस एक्सप्रेसवे को हाई-स्पीड कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया था और एक्सप्रेसवे के लिए विभिन्न प्रकार के मोटर वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा अधिसूचित की गई है, जो 80 किमी/घंटा से 120 किमी/घंटा के बीच है।
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि इस एक्सप्रेसवे के विकास से पहले स्थानों को जोड़ने/विभिन्न गंतव्य बिंदुओं तक पहुंचने के लिए जनता के लिए वैकल्पिक मार्ग और सड़कें उपलब्ध थीं और हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-दौसा-लालसोट का पहला पूर्ण खंड 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,386 किमी की लंबाई के साथ भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। यह दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी को 1,424 किलोमीटर से 12 प्रतिशत घटाकर 1,242 किलोमीटर कर देगा और यात्रा का समय 24 घंटे से 12 घंटे तक 50 प्रतिशत कम हो जाएगा। यह छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी और कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगी। एक्सप्रेसवे 93 पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, 13 बंदरगाहों, 8 प्रमुख हवाईअड्डों और 8 मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के साथ-साथ जेवर हवाईअड्डे, नवी मुंबई हवाईअड्डे और जेएनपीटी बंदरगाह जैसे नए आने वाले ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों तक भी पहुंच आसान करेगा।