एनजीटी ने कहा- 'अगर सरकार कानून लागू नहीं कर पाती तो यह व्यवस्था की नाकामी है'

एनजीटी

Update: 2021-06-08 10:15 GMT

नयी दिल्ली, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने घग्गर नदी में अशोधित तरल के प्रवाह को रोकने में नाकाम रहने पर पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि ''अगर सरकार खुद कानून लागू करने में नाकाम रहती है तो यह व्यवस्था की ही विफलता है''। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल की पीठ ने कहा कि तीनों राज्य और चंडीगढ़ लगातार जल प्रदूषण कर रहे हैं जो दंडनीय अपराध है।

पीठ ने कहा, ''यह जनता के विश्वास का हनन है। हमें लगता है कि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब तथा केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ राज्यों के संबंधित प्राधिकारियों की ओर से कानून व्यवस्था के प्रति कोई वचनबद्धता नहीं है और नागरिकों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की कोई चिंता नहीं है।''
अधिकरण ने पंजाब के मुख्य सचिव और चंडीगढ़ प्रशासन के सलाहकार को निर्देश दिया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों समेत कानून का पालन करने के लिए उचित उपाय करने के लिहाज से अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय से काम करें। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), पंजाब पीसीबी और चंडीगढ़ की प्रदूषण नियंत्रण समिति की संयुक्त समिति को निर्देश दिया कि नाले का निरीक्षण करके दो महीने के अंदर ई-मेल से रिपोर्ट जमा करें।


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