कोरोना से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर, दो वैक्सीन मिलाने के बाद बनी कॉकटेल है लड़ने में ज्यादा कारगर

Update: 2021-07-30 15:23 GMT

कोरोना से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है. एस्ट्राजेनेका और स्पुतनिक-वी की वैक्सीन मिलाने के बाद बनी कॉकटेल वैक्सीन का कोरोना पर अच्छा प्रभाव पड़ रहा है. इससे न कोविड संक्रमण हो रहा है, न ही कोई गंभीर साइड इफेक्ट. यानी भविष्य में एस्ट्राजेनेका और स्पुतनिक को मिलाकर बनाई गई वैक्सीन लोगों को मिल सकती है. ये खुलासा किया है रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने. RDIF ने बताया कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई वैक्सीन और स्पुतनिक वैक्सीन को मिलाकर बनाई गई वैक्सीन बेहद कारगर है. एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन में स्पुतनिक लाइट वैक्सीन का ह्यूमन एडिनोवायरस सीरोटाइप 26 मिलाया गया है. इस वैक्सीन कॉकटेल में ह्यूमन एडिनोवायरस 26 को बतौर पहला कंपोनेंट और ह्यूमन एडिनोवायरस सीरोटाइप 5 को दूसरे कंपोनेंट की तरह मिलाया गया था.

इन दोनों वैक्सीन को मिलाकर बनाई गई कॉकटेल वैक्सीन से कोरोनावायरस के खिलाफ ज्यादा इम्यूनिटी मिल रही है. साथ ही इसकी क्षमता काफी ज्यादा दिनों तक रहने का दावा किया जा रहा है. दोनों दवा कंपनियों में पिछले साल दिसंबर में डील हुई थी. डील के समय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी मौजूद थे. यह डील स्पुतनिक बनाने वाली कंपनी गामालेया सेंटर, एस्ट्राजेनेका और आर-फार्म ने मिलकर किया था. डील का मकसद था एक ऐसी वैक्सीन बनाना जो कोरोना वायरस से ज्यादा बचाव और सुरक्षा दे.

एस्ट्राजेनेका और स्पुतनिक वैक्सीन की कॉकटेल बनाने का ट्रायल फरवरी 2021 में शुरू हुआ था. फिलहाल अभी तक 50 लोगों ने यह कॉकटेल वैक्सीन लगवाई है. और लोगों को भी वैक्सीन ट्रायल के लिए बुलाया गया है. शुरुआती ट्रायल में यह नतीजा निकला कि इन 50 लोगों में कोरोना के खिलाफ ज्यादा इम्यूनिटी बनी है. साथ ही इनमें कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिल रहे हैं. इन दोनों वैक्सीन को मिलाकर बनी कॉकटेल वैक्सीन का प्राइमरी डेटा सामने आ चुका है. जिसकी रिपोर्ट अगले महीने पब्लिश की जाएगी. कॉकटेल वैक्सीन का ट्रायल कई देशों में चल रहा है. यूएई में भी वॉलंटियर्स इस कॉकटेल वैक्सीन के ट्रायल्स में भाग ले चुके हैं. रूस और बेलारूस में इस ट्रायल की अनुमित भी मिल चुकी है.

RDIF के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स आ रहे हैं. अगर दो वैक्सीन को मिलाकर कोई ताकतवर वैक्सीन नहीं बनाएंगे तो ये वैरिएंट्स लोगों का जीना मुश्किल कर देंगे. कॉकटेल वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया ऐसी है कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर के समझौते हो रहे हैं. हमें उम्मीद है कि अजरबैजान और अन्य देशों में चल रहे ट्रायल्स के नतीजे सकारात्मक ही होंगे. एस्ट्राजेनेका रूस और यूरेशिया की जनरल मैनेजर इरिना पानारिना ने कहा कि हेट्रोजीनियस प्राइम बूस्टिंग से दो अलग-अलग ताकवर वैक्सीन को मिलाकर हम एक नई अत्यधिक ताकवर और क्षमतावान वैक्सीन बना सकते हैं. इस तरह के परीक्षण और स्टडीज आज के समय में जरूरी हैं. हमारे पास प्राइमरी रिजल्ट जो आए हैं, उनके मुताबिक इन दोनों वैक्सीन को मिलाकर बनी कॉकेटल वैक्सीन शानदार काम करेगी. यह कोविड-19 से लोगों को ज्यादा सुरक्षित रखेगी.

R-Pharm के सीईओ वैसिली इग्नातीव ने कहा कि प्राइमरी रिजल्ट जब आया था, तब डेल्टा वैरिएंट तेजी से फैलना शुरु हुआ था. इसलिए जरूरी था कि ऐसी कॉकटेल वैक्सीन बनाई जाए जो इसे भी रोक सके. इस वैरिएंट के खिलाफ भी कॉकेटल वैक्सीन कारगर है. हम अपनी स्टडी और रिजल्ट को जल्द ही किसी अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित कराने की तैयारी में जुटे हैं. ताकि लोगों के सामने हमारे प्रयोग की सफल परिणाम सामने आ सकें. स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) के दोनों डोज लेने के बाद कोविड-19 के खिलाफ 80% एफिकेसी है. वहीं, स्पुतनिक लाइट (Sputnik Light) ने खुद को कोरोना के नए वैरिएंट्स के खिलाफ मजबूती से पेश किया है. यानी स्पुतनिक लाइट कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स पर ज्यादा प्रभावी है. इसे स्टोर करना वैश्विक स्तर के मानकों पर ज्यादा आसान है. इसे ह्यूमन एडिनोवायरल वेक्टर पर बनाया गया है. इसे लेकर वैश्विक स्तर पर हुए 250 क्लीनिकल ट्रायल्स में यह बात पुख्ता हो गई है कि इस वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं. वहीं, एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड (AstraZeneca-Oxford) की वैक्सीन चिम्पैंजी में पाए जाने वाले एडिनोवायरस पर आधारित है. इसमें SARS-CoV-2 के जेनेटिक मैटेरियल पहले से हैं. इसलिए यह कोरोनावायरस के कंटीले प्रोटीन परत को आराम से पिघला देने में सक्षम है.

Tags:    

Similar News

-->