हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ स्थानीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र चौधरी ने नशीले कैप्सूल रखने के प्रकरण में आरोपी लेखराम पुत्र सोहनलाल निवासी वार्ड 23 रावतसर को 12 वर्ष के कठोर कारावास व दो लाख रुपए जुर्माना एवं आरोपी परमजीत पुत्र जोतराम निवासी चक 4 सीवाईएम तहसील रावतसर को 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना जमा नहीं करवाने पर आरोपियों को तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया है। प्रकरण के अनुसार स्थानीय पुलिस थाना के एसआई रामकरण ने एक सितंबर 2020 शाम के पौने पांच बजे खोड़ा मार्ग पर गश्त के दौरान 24 डीडब्ल्यूडी पुलिया के पास एक व्यक्ति को सफेद रंग का थैला उठाए देखा जो पुलिस को देख कर खेतों में छिपने का प्रयास कर रहा था। शक होने पर उसे काबू कर देखा तो उसके पास रखे सफेद रंग के थैले में 600 नशीले कैप्सूल बरामद हुए। जिनके परिवहन अथवा रखने बाबत आरोपी के पास कोई वैध अनुज्ञा पत्र या परमिट नहीं था।
पूछताछ में उसने नशीले कैप्सूल आरोपी परमजीत से लेना बताया। तब पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अनुसंधान के पश्चात न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से न्यायालय में 12 गवाहों को परीक्षित करवाया गया तथा 41 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए। पुलिस द्वारा बरामद कैप्सूल के जब्ती प्रपत्र पर अंकित विवरण व एफएसएल रिपोर्ट में दर्ज विवरण समान मिले। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे राजेंद्र चौधरी ने बचाव पक्ष की दलीलों को अस्वीकार करते हुए दोनों आरोपितों को दोष सिद्ध करार देते हुए कठोर कारावास एवं जुर्माना की सजा सुनाई। राज्य सरकार की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक महेन्द्र जैन ने की। एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में अधिकांशत: सप्लायर के विरुद्ध आरोप प्रमाणित नहीं होते परंतु इस मामले में अनुसंधान अधिकारी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत आरोपितों की कॉल डिटेल से सामने आया कि 2 दिन पूर्व से बरामदगी तक आरोपियों के बीच लगातार फोन पर बातें हुईं है। एडीजे राजेंद्र चौधरी ने अपने निर्णय में लिखा कि आरोपियों के मध्य लगातार मोबाइल फोन से सम्पर्क रहा है। इसके साथ ही बचाव पक्ष ने यह साबित नहीं किया कि बातों की विषय वस्तु भिन्न थी।