तिरुवनंतपुरम, (आईएएनएस)| राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के बीच चल रहे विवाद को देखते हुए केरल में नए साल का आगाज कई महत्वपूर्ण फैसलों के व राजनीतिक हलचल के साथ होने की संभावना है। इसमें राज्यपाल को चांसलर के पद से हटाने वाला विधेयक भी शामिल है। दिलचस्प बात यह है कि ये फैसले ऐसे समय लिए गए हैं जब मुख्यमंत्री व राज्यपाल के बीच संबंधों में तल्खी आ गई है। राज्य से बाहर गए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद के नए साल पर वापस आने की उम्मीद है। इस दौरान उनके समक्ष पेश पहली फाइल विधानसभा द्वारा उन्हें राज्य के 14 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से हटाने के मामले की है।
खान के अनुसार नियमों का उल्लंघन कर कुलपति, अध्यापन और प्रशासनिक कार्य पार्टी सीपाई एम के कार्यकर्ताओं को दिए जा रहे हैं।
राज्यपाल ने दोहराया है कि अगर कोई मामला उनसे संबंधित उनके समक्ष आाता है तो वह इस निर्णय लेने से दूर रहेंगे।
इसलिए पूरी संभावना है कि यदि राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो वह इसे राष्ट्रपति के समक्ष रखेंगे।
एक सवाल के जवाब में विजयन ने कहा कि सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण को छोड़ने का फैसला नहीं किया है और भाषण तैयार किया जा रहा है।
कई लोग राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच जारी खींचतान को मैच फिक्सिंग के रूप में देखते हैं।
इसलिए सभी की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि खान विधेयक से कैसे निपटते हैं। यदि वह राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़ते हैं, तो कांग्रेस की यह धारणा सच हो जाएगी कि पूरे गतिरोध को प्रबंधित किया जा रहा है।