नया वर्ल्ड रिकॉर्ड: प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर एक लाख से अधिक लोगों ने किया रक्तदान, जानें पूरी जानकारी

Update: 2022-09-18 05:36 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान/पीटीआई

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शनिवार को 15 दिवसीय रक्तदान अभियान शुरू हुआ। पहले दिन 1 लाख से ज्यादा लोगों ने रक्तदान किया, जो 'विश्व रिकॉर्ड' है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी। इससे पहले 6 सितंबर 2014 को 87,059 प्रतिभागियों ने रक्तदान में हिस्सा लेकर कीर्तिमान स्थापित किया था। यह कार्यक्रम अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की ओर से आयोजित किया गया था। इसके लिए भारत के 300 शहरों में रक्तदान के 556 शिविर लगाए गए थे।
मांडविया ने सफदरजंग अस्पताल में बने एक शिविर में रक्तदान किया। उन्होंने लोगों से 'रक्तदान अमृत महोत्सव' पर रक्तदान करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप या ई-रक्तकोष पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की। यह महोत्सव 1 अक्टूबर-राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस तक मनाया जाएगा। मांडविया ने शनिवार शाम 7:42 बजे ट्वीट किया, 'आज नया विश्व रिकॉर्ड बना। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर रक्तदान अमृत महोत्सव पर 87 हजार से अधिक लोगों ने अब तक स्वेच्छा से रक्तदान किया है, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड है। यह हमारे प्रिय प्रधानसेवक को देश की तरफ से अनमोल उपहार है।' इसके बाद उन्होंने दूसरे ट्वीट में बताया कि यह आंकड़ा एक लाख के पार चला गया है।
अधिकारियों ने कहा कि पहले दिन रक्तदान करने वालों की गणना अभी चल रही है। एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक देशभर में 6,136 शिविरों की अनुमति दी गई है और 1,95,925 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उन्होंने कहा कि अभी तक 87,059 लोगों ने रक्तदान किया है। मांडविया ने कहा, 'रक्तदान एक महान काम है। हमारी समृद्ध संस्कृति, सेवा और सहयोग की परंपरा को देखते हुए मैं सभी नागरिकों से आगे आने और देशभर में विशाल स्वैच्छिक रक्तदान अभियान- रक्तदान अमृत महोत्सव के तौर पर रक्त दान करने की अपील करता हूं। रक्तदान से न केवल राष्ट्रीय आवश्यकता पूरी होती है बल्कि यह समाज व मानवता के प्रति बड़ी सेवा भी है। रक्तदान अमृत महोत्सव, आजादी का अमृत महोत्सव के जश्न समारोहों का हिस्सा है।'
मांडविया ने कहा कि भारत में 2021 के आंकड़ों के मुताबिक सालाना करीब 1.5 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि हर दो सेकंड में भारत में एक मरीज को रक्त की आवश्यकता होती है और प्रत्येक तीन में से एक व्यक्ति को अपने जीवन में कभी न कभी रक्त की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने कहा, 'प्रौद्योगिकी तरक्की के बावजूद रक्त का कोई विकल्प नहीं है और एक यूनिट रक्त तीन जिंदगियां बचा सकता है।' उन्होंने शिविर में दानदाताओं से मुलाकात की और उनके प्रयासों की सराहना की। रक्तदान को लेकर भ्रांति दूर करते हुए उन्होंने कहा, 'एक व्यक्ति के शरीर में 5 से 6 लीटर खून होता है और वह हर 90 दिन में रक्तदान कर सकता है।'
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, इस अभियान का मकसद एक दिन में 1 लाख यूनिट रक्त एकत्रित करना है। इसके अलावा लोगों को नियमित रक्तदान करने के प्रति जागरूक किया जाएगा। रक्त की एक यूनिट का मतलब 350 मिलीलीटर रक्त होता है। केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी मंत्रालय, विभाग, गैर-सरकारी, सामुदायिक संगठन और अन्य पक्षकार इस अभियान में हिस्सा लेंगे। मांडविया ने इस मौके पर स्वास्थ्य देखभाल की ओर सफदरजंग अस्पताल के योगदान का उल्लेख करने वाली किताब 'फुटप्रिंट्स ऑफ द सैंड्स ऑफ टाइम' का भी विमोचन किया।
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