म्यूटेट कर रहा है डेल्टा? इस राज्य में वैक्सीन की दोनों डोज के बाद 40 हजार लोग कोरोना संक्रमित
केरल में 40 हजार कोरोना के ऐसे मामले सामने आए हैं जिन्हें वैक्सीन लग चुकी थी। इन संक्रमणों पर चिंताओं के बीच, केंद्र सरकार ने केरल को ऐसे सभी मामलों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने के लिए कहा है।
केरल स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने ये जानकारी देते हुए कहा कि अगर वायरस टीका लेने के बाद भी अपने आप को बढ़ाने में कामयाब हो गया है तो ये चिंता का विषय है। हालांकि अभी तक इन मामलों में पता नहीं चल पाया है कि कोरोना का ये डेल्टा वैरिएंट है या कोई और। केरल के नौ जिलों में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लोग दोबारा या टीके के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं। सबसे अधिक कोरोना के मामले राज्य के पथानामथिट्टा जिले से सामने आए हैं।
पठानमथिट्टा में पहली कोविड खुराक के बाद 14,974 लोग संक्रमित पाए गए, जबकि दूसरे टीके के बाद 5,042 लोग संक्रमित पाए गए। ऐसे में कोरोना के निए वैरिएंट की भी आशंका जताई जा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सूत्रों ने बताया है कि देशभर में 1 लाख ब्रेकथ्रु इंफेक्शन (दोबारा संक्रमित) के मामले सामने आए हैं। जिसमें से सिर्फ केरल में 40 हजार मामले सामने आए हैं।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि लोगों को दोबारा और टीके के बाद कोरोना होना जांच का विषय है। सरकार अभी मामलों का अध्ययन कर रही है, शायद ये नया वैरिएंट है। बाकी अभी जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद ही सारी बातें क्लियर हो पाएगीं।
दोबारा संक्रमण का चांस कम रहता है लेकिन ये नहीं होगा इसकी गारंटी नहीं है। केरल के कुछ जिलों में ऐसे मामले सामने आए हैं। टीकाकरण व्यक्तियों को पहले संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन यह उन लोगों के लिए भी जरूरी है, जिन्हें पहले ही कोविड हो चुका है।
केरल पिछले कुछ हफ्तों से प्रतिदिन 20,000 से अधिक मामलों सामने आ रहे थे। हालांकि इसमें मंगलवार को गिरावट देखी गई थी, जब यहां कोरोना के 13,049 मामले और 105 मौतों हुई थी, लेकिन आज फिर मामले बढ़े और राज्य में बुधवार को 21,119 मामले आए और 152 मौतें हुई हैं।
वहीं दूसरी ओर कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केरल में आज से मॉल्स को खोलने की अनुमति दी गई है। हालांकि यहां कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करने के आदेश दिए गए हैं। केरल सरकार के आदेश के मुताबिक मॉल्स के इंट्री गेट पर मास्क पहनना, हैंड सेनेटाइज करना, सोशल डिस्टेंसिंग और तापमान चेक करना अनिवार्य है।