एमपी। मध्यप्रदेश के इंदौर में कारपेंटर सुसाइड केस में नया अपडेट आया है. फांसी लगाने से पहले कारपेंटर ने अपनी पत्नी को एक वाइस मैसेज भेजा था. इसमें अपनी जीवन लीला खत्म करने की बात कही थी. लेकिन उस समय पत्नी के मोबाइल का इंटरनेट बंद था, इसलिए वह यह मैसेज नहीं देख पायी. 17 मिनट बाद जब उसने मैसेज देखा और बैककॉल किया तो पता चला कि अब बहुत देर हो चुकी है.
बता दें कि इंदौर के परदेशीपुरा इलाके में रहने वाले कारपेंटर योगेश ने शनिवार को अपने घर में फांसी लगा ली थी। योगेश ने यह कदम सूदखोरों की धमकी से परेशान होकर उठाया था. इस घटना के वक्त उसकी पत्नी मौजेजी और बेटा प्रवीण घर पर नहीं थे। पत्नी मौजेजी ने बताया कि योगेश को पढ़ना लिखना नहीं आता था. इसलिए उन्होंने अपना अंतिम संदेश वाइस मैसेज के रूप में भेजा था. दुर्भाग्य से उस समय उसके मोबाइल का नेट बंद था और वह तुरंत इस मैसेज को नहीं देख पायी. यदि समय रहते उसने मैसेज देख लिया होता तो शायद वह अपने पति की जान बचा लेती. पत्नी ने बताया कि यह 17 मिनट अब वह पूरी जिंदगी नहीं भूल पाएगी. उसने बताया कि उसके पति काफी समय से बीमार चल रहे थे. इसी बीमारी की वजह से उन्होंने कर्ज लिया था. बीमारी तो अब तक ठीक हुई नहीं, सूदखोर अपने पैसों के लिए तगादा करने लगे. यहां तक कि सूदखोरों ने कई बार उनके पति को धमकी भी दी. इसी वजह से उनके पति ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला खत्म कर ली.
कारपेंटर योगेश की पत्नी ने बताया कि पति की बीमारी की वजह से उसके घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी. ऐसे में गुजर बसर के लिए वह खुद भी नौकरी करने लगी थी. शनिवार को घटना के दिन भी वह काम पर गई थी और महज 17 मिनट के लिए उसने मोबाइल का नेट बंद कर लिया था. इसी दौरान पति का वाइस मैसेज आया था. मैसेज की भाषा काफी गंभीर थी, इसलिए उसने तुरंत बैककॉल किया. फोन उसके बेटे प्रवीण ने रिसीव किया। बताया कि पिता ने 11 बजे ही फोन उसे दे गए थे। कहा था कि कोई कॉल आए तो कह देना कि वह बाहर हैं। ऐसे में उसने तुरंत बेटे को घर जाकर पिता को देखने के लिए कहा। बेटा जब घर पहुंचा तो दरवाजा बंद था। बाद में पास पड़ोस के लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा तो पता चला कि योगेश फांसी पर लटके पड़े हैं.
किसी के कहने में आकर कोई गलत काम मत करना. तूं तो बस अच्छे से रहना. छोरे (बेटे प्रवीण) का ध्यान रखना. मोटी का नाम जरा सा भी नहीं आना चाहिए, बस मैं तो यही जानता हूं. जो हो रहा है, वो उसके कारण नहीं हो रहा है. मैं कर्जे से बहुत ज्यादा निराश और परेशान हूं. तुझे मेरी कसम बस अपना और बेटे का ध्यान रखना. किसी और का इससे कोई लेना देना नहीं है.