बांसवाड़ा। बांसवाड़ा जिले में लगातार आपराधिक वारदातों में लिप्त या यों कहें कि अपराध करने के आदी हो चुके बदमाशों की सूची लंबी होने लगी है। बीते एक वर्ष में इनका आंकड़ा आधा दर्जन बढ़ने से अपराध की डायरी में नए पन्ने खुलने के साथ पुलिस की निगरानी की मशक्कत बढ़ी है। चुनाव करीब आने के मद्देनजर हिस्ट्रीशीटरों का रेकॉर्ड खंगाला तो यह तथ्य भी सामने आया कि नए बने संभाग मुख्यालय बांसवाड़ा के अन्य जिलों की तुलना में बांसवाड़ा में हालांकि हिस्ट्रीशीटर कम हैं। इस पर भी पुलिस रेकॉर्ड पर गौर करें तो जहां गत वर्ष अगस्त तक 15 थानों में 167 एचएस थे, वहीं 2023 में 19 थाने होने के बाद आंकड़ा 175 पर पहुंच चुका हैं। इससे साफ है कि दिवंगत होने पर ही फाइल से एचएसकम हो रहे हैं, वहीं उससे ज्यादा नए पन्ने जुड़ रहे हैं।
बांसवाड़ा जिले की बात करें तो इसके चार पुलिस वृतों में सबसे बड़े बांसवाड़ा में नए खुले राजतालाब थाने सहित कुल सात थाने हैं, इनमें गत वर्ष तक शहर में हिस्ट्रीशीटरों की संख्या 48 ही थी। फिर राजतालाब थाना बनने के बाद क्षेत्राधिकार के लिहाज से फाइलें बंटी तो अब कोतवाली और राजतालाब थाने में क्रमश: 33 और 16 यानी कुल 49 हिस्ट्रीशीटर हो गए हैं। इसके दीगर, बांसवाड़ा वृत के सदर थाने के 11, गढ़ी के पांच, अरथूना के पांच और दानपुर व आम्बापुरा के 9-9 हिस्ट्रीशीटर हैं, जिससे पूरे वृत का आंकड़ा 90 है। अन्य वृतों में घाटोल का आंकड़ा भी बढ़ा है। इसमें बीते साल तक 30 एचएस थे। वृत में दो नए थाने मोटागांव और घाटोल में बनने के बाद अब पांच थाने हैं, जिनमें एचएस का आंकड़ा 36 हो गया है। इनमें सर्वाधिक घाटोल में 12 और भूंगड़ा में 11 हैं, जबकि मोटागांव, खमेरा में पांच-पांच और लोहारिया थाने के एचएस की संख्या तीन ही है।