नए इनकम टैक्स बिल से सिस्टम को पारदर्शी बनाने में मिलेगी मदद, करदाताओं का बढ़ेगा विश्वास: एक्सपर्ट्स
नई दिल्ली: नए इनकम टैक्स बिल 2025 से देश में टैक्स सिस्टम अधिक पारदर्शी होगा और इसके साथ ही इससे करदाताओं का विश्वास बढ़ेगा। यह जानकारी गुरुवार को इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स द्वारा दी गई। नया बिल भारत के टैक्स कानून में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा।
नया इनकम टैक्स बिल 622 पेज का है। इससे पुराने इनकम टैक्स की पेचीदगी कम होगी और इसमें कानूनों के सरलीकरण पर जोर दिया गया है, जिसे आम आदमी आसानी से समझ सके। भारत में केपीएमजी के पार्टनर, टैक्स, हिमांशु पारेख ने कहा कि नए बिल का एक अच्छा पहलू यह है कि इसमें तालिकाओं और सूत्रों का रणनीतिक उपयोग किया गया है, जो प्रावधानों की व्याख्या को सरल बनाने में मदद करेगा। विधेयक का उद्देश्य करदाताओं की निश्चितता को बढ़ाते हुए विवादों और मुकदमेबाजी को कम करना है।
सरकार ने इस बिल में "न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन" की विचारधारा के साथ "पहले विश्वास करें, बाद में जांच करें" जैसी फिलॉसफी पर फोकस किया है। 1961 के एक्ट के विपरीत नया कानून सीबीडीटी को कर प्रशासन नियम स्थापित करने और डिजिटल कर निगरानी प्रणाली लागू करने का अधिकार देता है, जिससे लगातार विधायी परिवर्तनों के बिना दक्षता में वृद्धि होती है।
इनकम टैक्स बिल 2025 को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जा चुका है। संसद में अंतिम मंजूरी के लिए आने से पहले नए बिल को संसद की सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाएगा। नए इनकम टैक्स बिल में चीजों को आसान बनाने पर फोकस किया गया है। साथ ही 'असेसमेंट ईयर' को 'टैक्स ईयर' से रिप्लेस किया जाएगा।
नया इनकम टैक्स बिल कानूनी विवादों के दायरे को कम करने और समझने में आसान बनाने के लिए विभिन्न जटिल प्रावधानों और स्पष्टीकरणों को खत्म कर देगा। सरलीकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में कुछ पुराने क्लॉज को हटाया जा गया है। डेलॉयट इंडिया के पार्टनर रोहिंटन सिधवा के अनुसार, यह सुधार भारत के टैक्स स्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने, अधिक स्पष्टता और दक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।