कोरोना के दूसरी लहर के चलते सुप्रीम कोर्ट में एंट्री की नई गाइडलाइन्स जारी
सुप्रीम कोर्ट
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर का असर कोर्ट-कचहरी से लेकर दुकान-बाजारों तक में दिख रहा है। कोरोना वायरस ने सुप्रीम कोर्ट के कामकाज को भी प्रभावित किया है और अब परिसर में दाखिल होने के लिए कोविड-19 टेस्ट कराना जरूरी है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अगर अदालत परिसर में आने वाले किसी भी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण हैं तो RT-PCR टेस्ट जरूरी है। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट में आने वाले सभी जजों, कर्मचारियों, वकीलों, वकीलों के स्टाफ को कोविड टेस्ट कराकर ही दाखिल होना होगा।
देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मद्देनजर और जिस रफ्तार से सुप्रीम कोर्ट के स्टाफ भी संक्रमित हो रहे हैं, देखते हुए कोर्ट ने नया गाइडलाइन जारी किया है। पिछले शनिवार को 99 में से 44 कोर्ट के कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें कुछ जज भी शामिल थे। यही वजह है कि अब सुप्रीम कोर्ट में भी वर्चुअल सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि परिसर में किसी तरह की भीड़भाड़ नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि परिसर में कोई भीड़भाड़ या जमावड़ा ना करें। ऐलिवेटर (लिफ्ट) का इस्तेमाल सिर्फ जाने के लिए किया जाना चाहिए। लिफ्ट पर एक बार में सिर्फ तीन लोगों के ही चढ़ने की अनुमति होगी। नीचे आने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
देश में कोरोना का कहर जारी
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 1,84,372 नये मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार के आंकड़ों के मुताबि,क संक्रमण के कुल मामले 1,38,73,825 हो गए हैं जबकि 13 लाख से अधिक लोग अब भी संक्रमण की चपेट में हैं। मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 1,027 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या 1,72,085 हो गई है जो 18 अक्टूबर, 2020 के बाद सबसे ज्यादा है। लगातार 35वें दिन मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है और संक्रमित लोगों की संख्या 13,65,704 हो गई है जो कुल मामलों का 9.84 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की दर घटकर 88.92 प्रतिशत हो गई है। इससे पहले 12 फरवरी को संक्रमित लोगों की सबसे कम संख्या 1,35,926 थी और 18 सितंबर 2020 को सबसे ज्यादा 10,17,754 थी।