ब्लैकमेलिंग का नया खेल शुरू, अंजान लोगों से वीडियो कॉल में बात करने से पहले पढ़े ये खबर

6 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

Update: 2021-01-07 09:22 GMT

फाइल फोटो 

दिल्ली पुलिस की सायबर सेल ने मॉर्फ़ वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल करके ठगी करने वाले 6 शातिर बदमाशों को मेवात इलाके से गिरफ्तार किया है. पकड़ में आए बदमाश, लोगों को वीडियो कॉल करते थे और वो पूरी कॉल को रिकॉर्ड कर लेते. साथ में एक फ़ोन में पॉर्न वीडियो चला देते थे.

बाद में फिर वो वीडियो को मॉर्फ़ कर देते और वीडियो देखने पर ऐसा लगता कि सामने वाला शख्स अश्लील हरकत कर रहा है. इस वीडियो को दिखा कर वो ये कहते थे कि या तो उनको पैसे दो वर्ना वो ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे. पुलिस ने आरोपियों के पास से 17 मोबाइल फ़ोन बरामद किए हैं और उसमें से 40 वीडियो भी बरामद किए हैं.
साइबर सेल के डीसीपी अनयेश रॉय ने बताया कि कुछ दिनों पहले दिल्ली की सायबर सेल में एक शख्स ने शिकायत दी कि कुछ लोग उसे ब्लैकमेल कर रहे हैं. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वो लोग कह रहे हैं कि उनके पास एक वीडियो कॉल है जिसमें मैं अश्लील हरकतें कर रहा हूं, लेकिन मैंने ऐसी कोई कॉल नहीं की.
पुलिस ने उस फ़ोन नंबर के जरिये आरोपियों को तलाशना शुरू किया जिससे कॉल आ रही थी जिसके बाद पुलिस को पता लगा कि आरोपी नंबर तो किसी दूसरे प्रदेश का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन ये नंबर भरतपुर के इलाके में एक्टिव हैं.
जांच में और पीड़ित से बात करने पर पुलिस को पता लगा कि आरोपी फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाते हैं जो बेहद आकर्षक होते हैं. इसके बाद वो कई लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज देते हैं.
जो लोग इनकी रिक्‍वेस्‍ट को स्वीकार लेते हैं, ये उनमें से सामने वाले का प्रोफाइल देखकर अपने टारगेट सेट करते हैं. इसके बाद शुरुआत में तो ये चैटिंग करते लेकिन कुछ दिनों बाद ये वीडियो कॉल करते हैं. जब वीडियो कॉल चल रही होती तो ये एक मोबाइल में पोर्न वीडियो चला देते हैं. बाद में ये वीडियो को कुछ इस तरह से एडिट कर देते हैं कि लगता है कि सामने वाला ही कोई अश्लील हरकत कर रहा है.
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर भरतपुर इलाके से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़ में आये आरोपियों के नाम रईस, वाहिद, अकरम, मुफीद, अनस और वारिस हैं. पुलिस ने इनके पास से 17 मोबाइल फ़ोन बरामद किया हैं और इनके 10 बैंक खातों की भी जानकारी पुलिस को मिली है.
पुलिस के मुताबिक लोगों को धमकाने के लिए ये अलग अलग तरीका अपनाते हैं. ये कभी खुद को किसी किसी एजेंसी और कभी खुद को सोशल मीडिया से जुड़ा अधिकारी बताते और लीगल एक्शन की भी धमकी देते थे.



 


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