ग्रेटर नोएडा: आपने हमेशा सुना व देखा होगा कि जब कहीं कोई नया अधिकारी तैनात होता है तो उसका स्वागत पुष्पगुच्छ या फूल मालाओं से होता है। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में यह परंपरा टूटने वाली है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के किसान यहां तैनात हुए ग्रेटर नोएडा के नए CEO एनजी रवि कुमार का स्वागत आंदोलन से करने वाले हैं। क्षेत्र के किसान 18 जुलाई को प्राधिकरण कार्यालय का घेराव करके बड़ा आंदोलन शुरू करने वाले हैं।
क्यों हो रहा है आंदोलन
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के किसानों की एक दर्जन मांगें लंबे अर्से से लंबित हैं। किसान नेताओं का आरोप है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उन्हें बड़े बड़े सपने दिखाकर उनकी जमीन तो ले ली किंतु उनसे किए गए वायदे आज तक पूरे नहीं किए गए। किसानोें से वायदा किया गया था कि ग्रेटर नोएडा में लगने वाले वाले उद्योगों में उनके बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरियां दी जाएंगी किंतु हकीकत इसके ठीक विपरित है। किसी भी फैक्ट्री में स्थानीय युवकों को नौकरी दी ही नहीं जाती बल्कि ढेर सारी फैक्ट्रियों के बाहर तो बड़े बड़े बोर्ड लगा दिए गए हैं जिन पर लिखा गया है कि यहां 200 किलोमीटर दूर वालों को ही रोजगार दिया जाएगा। रोजगार के अलावा शिक्षण संस्थानों में किसानों के बच्चों के आरक्षण का वायदा भी किया गया था वह वायदा भी आज तक पूरा नहीं हुआ। इसी प्रकार किसानों की आबादी से संबंधित समस्याएं दशकों से लंबित चली आ रही है। किसान नेताओं का साफ कहना है कि गांव में विकास का मुद्दा हो, बच्चों को रोजगार या शिक्षा का मुद्दा हो अधिकारी उनकी एक भी बात नहीं सुनते। इसी प्रकार की दर्जनभर मांगों को लेकर किसान सभा के नेतृत्व में किसानों ने 24 जून 2023 तक दो महीने का लंबा आंदोलन चलाया था।
सबसे लंबा आंदोलन
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर 24 जून 2023 तक चला किसानों का आंदोलन इस क्षेत्र का अब तक का सबसे लंबा चलने वाला आंदोलन रहा। दरअसल, 25 जून 2023 को नोएडा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक सिस्टम पर यह दबाव था कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर चले आंदोलन को समाप्त कराया जाए। आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांगे पूरी होने तक आंदोलन समाप्त करने को तैयार नहीं थे। इसी बीच राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर सक्रिय हुए और उन्होंने किसानों व प्राधिकरण के बीच एक लिखित समझौता करा दिया। समझौता यह हुआ कि किसानों की सभी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार एक हाईपावर कमेटी का गठन करेगी। प्रदेश के औ़द्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी के नेतृत्व में गठित होने वाली हाईपावर कमेटी किसानों की सारी मांगों पर गौर करके उनका निवारण करेगी। उस समय चेतना मंच ने अपने समाचार के माध्यम से स्पष्ट किया था कि दरअसल किसानों के साथ यह छलावा हुआ है। उन्हें केवल फर्जी आश्वासन का झुनझुना दिया गया है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश शासन ने स्पष्ट कर दिया कि किसानों के मुद्दे पर कोई हाईपावर कमेटी नहीं बनाई जा रही है। इस सूचना के मिलते ही ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के किसानों में फिर आक्रोश फैल गया। किसान सभा ने घोषणा कर दी कि 18 जुलाई से वें दोबारा अपना आंदोलन शुरू करेंगे। इस आंदोलन की तैयारी के लिए गांवों में घूम घूमकर किसान प्रचार कर रहे हैं। प्रचार के इस अभियान में महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।
आंदोलन से होगा नए सीईओ का स्वागत
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा परिवर्तन करते हुए ग्रेटर नोएडा की कार्यवाहक मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीमती रितु माहेश्वरी को ग्रेटर नोएडा से हटाकर उनके स्थान पर गोरखपुर के कमिश्नर एनजी रवि कुमार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का CEO बना दिया है। किसानों ने घोषणा की है कि वें नए सीईओ का स्वागत अपने आंदोलन से करेंगे। यदि उनकी मांगे पूरी कर दी गई तो ठीक अन्यथा जब तक सारी मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी तब तक प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन चलाया जाएगा। इस आंदोलन की अगुवाई पहले की तरह किसान सभा करेगी। किसान सभा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय सभी किसान संगठनों एवं विपक्षी दलों से आंदोलन में सहयोग करने की अपील की है। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान सभा के प्रवक्ता डा. रुपेश वर्मा ने चेतना मंच को बताया कि 24 जून को हुए समझौते में किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इस कारण इस बार दोगुनी शक्ति के साथ आंदोलन किया जाएगा।