रिश्ते तार-तार: भांजे का अपहरण कर हत्या, कत्ल की वजह कर देगी हैरान!
सालगिरह की पार्टी में उसे नहीं बुलाया, जबकि उसकी पत्नी और बेटे को बुलाया था।
रुद्रपुर: तीन साल के भांजे का अपहरण कर हत्या करने के दोषी मामा को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर की अदालत ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
तीन मई 2016 को गूलरभोज गदरपुर निवासी रजनेश ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि तीन मई की शाम सात बजे उनका तीन वर्षीय बेटा अंश अचानक घर से लापता हो गया। इस दौरान मुखबिर ने पुलिस को सूचना दी कि गूलरभोज से गायब होने वाले बच्चे का ग्राम गिजपुरा स्वार रामपुर यूपी निवासी रमेश ने अपहरण किया है।
इस पर पुलिस ने उसके घर दबिश देकर आरोपी रमेश पुत्र तुलसी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उसके बेटे को भी पुलिस संरक्षण में ले लिया। सख्ती से पूछताछ करने पर रमेश ने बताया कि उसने अपने भांजे का अपहरण कर हत्या कर दी है।
बताया कि जीजा ने अपने भाई की सालगिरह की पार्टी में उसे नहीं बुलाया, जबकि उसकी पत्नी और बेटे को बुलाया था। उसे चर्म रोग है, इस वजह से जीजा उसका तिरस्कार करते हैं। तैश में आकर उसने भांजे का अपहरण कर हत्या कर दी।
पुलिस ने 11 मई 2016 को अंश का शव गिजपुरा रामपुर से बरामद कर लिया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त एक फावड़ा और दो मोबाइल भी बरामद किए। पुलिस ने मामले में आरोपी रमेश के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।
मामला प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर की अदालत में चला। शुक्रवार को अदालत ने रमेश को दोषसिद्ध करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
आरोपी रमेश ने बताया था कि बच्चों के साथ खेल रहा भांजा अंश उसे देख दौड़कर पास आ गया। यहां से उसे वह बाइक से अपने घर ले गया। अंश रोने लगा तो उसे चावल और बिस्कुट खिलाकर सुला दिया। रात को फिर अंश उठकर रोने लगा, आवाज सुन उसके बेटे की आंख खुल गई।
इस पर उसने बेटे को आपबीती सुनाई। इस बीच अंश ओर जोर-जोर से रोने लगा। इस पर उसने अंश के मुंह को कपड़े से बंद कर उसे घर से दूर सुनसान जगह ले गया। यहां कपड़ा हटाने पर उसने कोई हरकत नहीं की।
इस पर उसने बेटे से फावड़ा मंगाकर अंश को गड्ढे में दफना दिया। अगले दिन उसकी पत्नी और बेटा गूलरभोज से वापस आए और उन्होंने अंश के गायब होने की सूचना दी। यह सुनकर उन्होंने फिरौती मांगने का प्लान बनाया। बेटे ने एक नया सिम लेकर जीजा से दस लाख की फिरौती मांगी। यही गलती उन्हें भारी पड़ गई।
तीन साल के अंश हत्याकांड प्रकरण में अपने पिता का साथ देने वाले और रंगदारी मांगने के मास्टरमाइंड नाबालिग की सुनवाई किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। बताया जा रहा है कि आरोपी नाबालिग की आयु कम होने के कारण एडीजे प्रथम ने हत्याकांड के दोषी पिता के गुनाह की सजा तो दे दी है, मगर नाबालिग का मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।