सिलचर (आईएएनएस)| नेपाल के एक व्यक्ति को नवंबर 2018 से लापता उसकी मां असम के कछार जिले की एक जेल मिली। वह अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के आरोप में बंद थी। फिरोज लहरी (26) नाम का यह शख्स नेपाल के सरलाही जिले के लक्ष्मीपुर इलाके का रहने वाला है, जो बिहार से सटा हुआ है।
यह जानकारी मिलने के बाद कि उसकी मां जन्नत खातून को सिल्चर सेंट्रल जेल के ट्रांजिट कैंप में कैद कर दिया गया है, लहरी इस हफ्ते अपनी भाभी अनवर लेहरी और एक रिश्तेदार सोहाना खातून के साथ यहां पहुंचे।
वे 9 जनवरी को सीचर पहुंचे और मंगलवार को जेल जाकर अपनी मां से मिले।
जन्नत खातून को नवंबर 2018 में कछार जिले के कटिगोरा इलाके में गिरफ्तार किया गया था। कानूनी कार्यवाही के बाद उसे सिलचर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था।
अदालत ने उसके लिए दो साल की सजा की घोषणा की, जो 27 दिसंबर, 2020 को समाप्त हो गई।
उसके बाद से उसे सेंट्रल जेल ट्रांजिट कैंप में रखा गया है।
उसकी सजा पूरी होने के बाद सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने इस संबंध में अधिकारियों को पत्र भेजा था। लेकिन मामला दबा दिया गया और जन्नत खातून को उसके देश वापस भेजने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।
फिरोज के मुताबिक उनके पिता जॉनिफ लहरी की कई साल पहले मौत हो गई थी और तभी से उनकी मां परिवार की देखभाल कर रही थीं।
उन्होंने बताया, 2018 में मेरी मां को सिर में चोट लगी थी। उसके बाद वह मानसिक रूप से असंतुिलत हो गईं। एक दिन वह घर से लापता हो गईं। हमने हर जगह खोजा, लेकिन पता नहीं लगा। हमने हरिपुर पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई। लेकिन हम उसका कोई पता नहीं लगा पाए।'
तलाश जारी रखने के बावजूद फिरोज ने अपनी मां को वापस पाने की उम्मीद खो दी।
लेकिन अचानक कुछ महीने पहले पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग क्षेत्र में बाल सुरक्षा अभियान नामक एक संगठन के माध्यम से उन्हें खबर मिली कि उनकी मां को सिलचर में कैद कर लिया गया है।
उसके बाद उन्होंने नेपाली सरकारी अधिकारियों के साथ संवाद किया और दूतावास के माध्यम से केंद्र से संपर्क किया।
आखिर में उन्हें पता चला कि जन्नत खातून को वापस देश भेजने की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। इसलिए वे सिलचर पहुंचे।
फिरोज ने कहा, हमें उम्मीद है कि एक या दो दिन में सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और उसकी मां उसके साथ वापस चलेगी।
उसने कहा कि वह अपनी मां से जेल के बाहर से बात किया, वह पूरी तरह से सामान्य लग रहीं थीं।
उन्होंने कहा कि, मेरी मां यह सुनकर बहुत खुश हैं कि वह घर वापस जा सकती हैं।