नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने ओडिशा ट्रेन हादसे पर शोक व्यक्त किया

Update: 2023-06-03 01:27 GMT

ओडिशा। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने ओडिशा ट्रेन हादसे पर शोक व्यक्त किया। दरअसल ओडिशा के बालासोर में अब तक 233 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों लोग बुरी तरह घायल है. स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. यह रेल हादसा शुक्रवार की शाम को हुआ है. बहनागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकरा गई. हालांकि अब इस दुर्घटना को लेकर ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने बड़ा जानकारी दी है.

उन्होंने कहा है कि इस हादसे में कुल 3 ट्रेनें शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की 7 बोगियां क्षतिग्रस्त हुई हैं. ऐसा लगता है कि मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी होगी. राज्य के प्रमुख सचिव ने हादसे को लेकर बताया कि पहले हावड़ा एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकराई और फिर कोरोमंडल एक्सप्रेस पीछे से आ गई जिससे यह हादसा और भयावह हो गया. बालासोर मेडिकल कॉलेज में 10 यात्रियों को भर्ती कराया गया है. जानकारी के मुताबिक हादसे में जख्मी अन्य यात्रियों को सोरो सीएचसी, गोपालपुर सीएचसी और खांटापाड़ा पीएचसी में भर्ती करा दिया गया है. फिलहाल इस रूट की सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है. इसके अलावा 32 लोगों की एनडीआरएफ की एक और टीम रेस्क्यू के लिए भेज दी गई है.

वहीं ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने बताया कि करीब 50 एंबुलेंस को लोगों को ले जाने के लिए लगाया गया है लेकिन घायलों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए बड़ी संख्या में बसें जुटाई जा रही हैं. विशेष राहत आयुक्त कार्यालय ने जानकारी दी कि हादसे वाली जगह पर तलाशी और बचाव अभियान के लिए कई टीमों को लगाया गया है. वहीं बालासोर कलेक्टर को भी सभी जरूरी व्यवस्था करने के लिए मौके पर पहुंचने को कहा गया है. राज्य स्तर से किसी भी अतिरिक्त मदद के लिए एसआरसी को भी सूचना दे दी गई है.

बालासोर मेडिकल कॉलेज में 10 यात्रियों को भर्ती कराया गया है. जानकारी के मुताबिक हादसे में जख्मी सैकड़ों यात्रियों को सोरो सीएचसी, गोपालपुर सीएचसी और खांटापाड़ा पीएचसी में भर्ती करा दिया गया है. फिलहाल इस रूट की सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है. ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने बताया कि करीब 50 एंबुलेंस को लोगों को ले जाने के लिए लगाया गया है लेकिन घायलों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए बड़ी संख्या में बसें जुटाई जा रही हैं.


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