नापाक कोशिश: जम्मू के अरनिया सेक्टर में देखा गया 'ड्रोन', जवानों की फायरिंग के बाद वापस पाकिस्तान की तरफ लौटा

Update: 2021-08-23 04:13 GMT

जम्मू संभाग के अरनिया सेक्टर में सोमवार सुबह एक ड्रोन देखा गया। जिसकी सूचना पर पुलिस और बीएसएफ की टीम तलाशी अभियान चला रही है। अभी तक कोई बरामदगी नहीं हुई है। बता दें कि नियंत्रण रेखा(एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा(आईबी) पर सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से घुसपैठ में नाकाम पाकिस्तान ड्रोन का सहारा ले रहा है। जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब तक पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने की कोशिश करता है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने और विशेषकर इसी साल फरवरी महीने में हुए सीजफायर समझौते के बाद से ड्रोन गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है। घाटी में अमन बहाली से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इसी के चलते सीमा पार से आतंकी वारदातों को अंजाम देने और आतंकियों तक हथियार पहुंचाने के लिए ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है।

पढ़ें जम्मू हवाई अड्डे के वायुसेना बेस पर हमले से लेकर अब तक पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए की गईं नापाक हरकतों के बारे में...
27 जून को जम्मू हवाई अड्डे के वायुसेना बेस पर दो कम-तीव्रता वाले विस्फोटों में वायु सेना के दो जवान घायल हुए। हमले को अंजाम देने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जिससे एक इमारत की छत को नुकसान हुआ। ये दोनों विस्फोट पांच मिनट के अंतराल में हुए।
29 जून को, पुलिस ने श्रीनगर जिले में डल झील के ऊपर एक ड्रोन को देखा और जब्त किया।
29 जून को सुरक्षाबलों ने जम्मू जिले में सुंजवां सैन्य स्टेशन के पास कुंजवानी, सुंजवां और कालूचक में ड्रोन देखा।
29-30 जून की मध्यरात्रि के दौरान जम्मू जिले के अंतर्गत आने वाले मीरा साहिब, कालूचक क्षेत्र और कुंजवानी क्षेत्र के खारियन इलाके में नागरिकों द्वारा तीन ड्रोन अलग-अलग देखे गए।
30 जून को सुरक्षाबलों ने जम्मू जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ अखनूर के परगवाल इलाके में एक संदिग्ध ड्रोन गतिविधि देखी।
2 जुलाई को सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के जवानों ने जम्मू के अरनिया सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास जमवाल सीमा चौकी के पास एक पाकिस्तानी ड्रोन (क्वाडकॉप्टर) देखा और गोलीबारी की। ड्रोन जीरो लाइन और सीमा बाड़ के बीच उड़ रहा था और बीएसएफ की गोलीबारी के तुरंत बाद वापस लौट गया।
3 जुलाई को सांबा जिले में एक ड्रोन सैन्य प्रतिष्ठानों वाले क्षेत्र में देखा गया।
3 जुलाई अधिकारियों ने श्रीनगर जिले के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर ड्रोन और किसी भी तरह के मानव रहित हवाई वाहनों के भंडारण, बिक्री, कब्जे, उपयोग और परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया। इसी तरह कठुआ जिले के जिला प्रशासन ने ड्रोन और उड़ने वाली वस्तुओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया।
6 जुलाई को बारामुला और रामबन के जिला प्रशासन ने जारी एक आदेश में ड्रोन, उड़ने वाली वस्तुओं और अन्य उड़ने वाले खिलौनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया।
13 जुलाई सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने जम्मू जिले के अरनिया सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के साथ स्थित गांव में एक ड्रोन को देखा और उस पर गोलीबारी की।
14 जुलाई को जम्मू जिले में जम्मू भारतीय वायु सेना स्टेशन पर स्थापित एंटी-रडार तकनीक की मदद से सुरक्षाबलों द्वारा एक ड्रोन को देखा गया और बेअसर कर दिया गया।
15 जुलाई को जम्मू जिले के पलवाला सेक्टर, सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रामगढ़ सेक्टर और कठुआ जिले में आईबी के साथ हीरानगर सेक्टर में सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक क्षेत्रों में चार ड्रोन देखे गए।
21 जुलाई को जम्मू जिले के सतवारी में भारतीय वायु सेना स्टेशन के पास ड्रोन मंडराते हुए देखा गया।
23 जुलाई को लोगों ने दावा किया कि उन्होंने सांबा जिले के बाड़ी ब्राह्मण क्षेत्र के बीरपुर और कठुआ जिले के पल्ली मोड़ इलाके में दो ड्रोन देखे।
23 जुलाई को जम्मू जिले के अखनूर सेक्टर के कनाचक में एक टाइमर के साथ पांच किलोग्राम से अधिक के एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस ले जा रहे एक ड्रोन(हेक्साकॉप्टर) को देखा और उसे मार गिराया।
29 जुलाई को सांबा जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर तीन ड्रोन देखे गए। एक ड्रोन को चिलयारी फॉरवर्ड गांव में देखा गया, जिस पर सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के जवानों ने गोलियां चलाईं जिसके बाद वह पाकिस्तान लौट गया। एक अन्य ड्रोन घगवाल ब्लॉक के कौलपुर गांव में देखा गया, जबकि तीसरे को बाड़ी ब्राह्मण में एक सुरक्षा प्रतिष्ठान पर देखा गया।
31 जुलाई को सांबा जिले के चिचवाल और घगवाल इलाकों में दो ड्रोन देखे गए।
1 अगस्त को सांबा जिले में बाड़ी ब्राह्मणा पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत आने वाले बाड़ी ब्राह्मणा, बीरपुर और बिश्नाह रोड पर चार ड्रोन उड़ते हुए देखे गए।


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