मिनटों में तबाह होगा दुश्मन! नौसेना ने किया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण, देखें VIDEO

जानें खासियत.

Update: 2023-03-07 10:18 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| महज 2 दिन के अंतराल में भारतीय नौसेना ने दूसरी बार दो अलग-अलग मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। नौसेना ने मंगलवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि 'मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल' का सफल परीक्षण किया गया है। भारतीय नौसेना के लिए यह बीते दो दिनों में लगातार दूसरी सफलता है। इससे पहले 5 मार्च को ही भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम रेंज की इस मिसाइल को वर्ष 2021 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह मिसाइल हवा में एक साथ आने वाले कई टारगेट पर हमला कर सकती है। यह मिसाइल टर्न लेकर एक से अधिक दुश्मनों पर एक साथ हमला करने में सक्षम है। मिसाइल 70 किलोमीटर के दायरे में किसी अन्य हमलावर मिसाइल, निगरानी विमान, ड्रोन, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर को मार गिराने में सक्षम है।
नौसेना के मुताबिक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल का सफल परीक्षण 'आईएनएस विशाखापट्टनम' से किया गया है। परीक्षण के दौरान मध्यम रेंज की एक मिसाइल ने अपने टारगेट को भेदते हुए बिल्कुल सटीक निशाने पर वार किया है।
खास बात यह है कि मध्यम रेंज की यह मिसाइल पूर्णत: स्वदेशी है और इसका निर्माण भारत में ही किया गया है। नौसेना का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिसाइल को डीआरडीओ और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्र मिलकर भारत में बनाया है।
इससे पहले 5 मार्च को भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह मिसाइल स्वदेशी बूस्टर से लैस है। नौसेना ने अरब सागर में अपने समुद्री जहाज से इस मिसाइल का परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस ब्रह्मोस मिसाइल के बूस्टर को डीआरडीओ ने डिजाइन किया है।
रविवार शाम भारतीय नौसेना ने इस मिसाइल का परीक्षण कोलकाता स्थित अपने युद्धपोत से किया था। मिसाइल के परीक्षण पर नौसेना ने आधिकारिक बयान में कहा कि भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ द्वारा डिजाइन की गई स्वदेशी साधक और वर्धक ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया। इस मिसाइल ने अरब सागर में सटीक हमला किया। भारतीय नौसेना ने मिसाइल का परीक्षण कोलकाता क्लास गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर वार शिप से किया था।
ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूसी संघ के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय वायु सेना ने सुखोई एसयू-30 एमकेआई विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। बीते वर्ष दिसंबर में सुखोई विमान से दागी गई यह विस्तारित रेंज संस्करण की एयर लॉन्च मिसाइल थी।
भारतीय वायुसेना ने बताया कि यह एयर लॉन्च मिसाइल करीब 400 किलोमीटर के दायरे में लक्ष्य को भेद सकती है।
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