भारत के सबसे बुद्धिमान अपराधियों में से एक नटवरलाल की मौत, 1000 से अधिक कारें चुराई, बना जज भी
जज की 'जबरन छुट्टी का आदेश' भी तैयार किया और उनकी जगह खुद को वहां का मजिस्ट्रेट बना दिया।
नई दिल्ली: आज हम आपको धनी राम मित्तल की कहानी बताने जा रहे हैं, जो कि पेशे से एक स्टेशन मास्टर थे। एक दिन उसने केवल मनोरंजन के लिए अपनी शिफ्ट पूरी करने के बाद पार्किंग से गाड़ी चुराई। इसके बाद उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ और मित्तल कोर्ट के संपर्क में आया। इसके बाद वह सही अर्थों में जज बन गया। मित्तल ने इस दौरान झज्जर की एक अदालत में एक जज की 'जबरन छुट्टी का आदेश' भी तैयार किया और उनकी जगह खुद को वहां का मजिस्ट्रेट बना दिया।
इसके बद मित्तल जज बन गया। इस दौरान उसने कुछ को जेल भेजा, अधिकांश विचाराधीन कैदियों को जमानत पर रिहा कर दिया। आपको बता दें कि ऐसा सब करने के लिए उसके पास सिर्फ कानून की डिग्री थी। समय बीतता गया, इस बीच मित्तल को लगने लगा था कि वह ज्यादा दूर तक नहीं पहुंच पाएगा। इसके बाद उसने फिर अपना पेशा बदल लिया। वह हरियाणा के परिवहन विभाग में क्लर्क बन गया, जहां उसने लोगों को जाली लाइसेंस बनवाने में मदद की।
मित्तल का इस काम में भी कुछ दिनों के बाद मन उचट गया। वह ग्राफोलॉजी में कोर्स करने के लिए कोलकाता चला गया। इसके बाद वह रोहतक लौट आया और फिर से वकालत शुरू कर दी। अपने खाली समय में उसने कापों की चोरी जारी रखी। 1960 से 2000 के बीच हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और राजस्थान में उसके खिलाफ कार चोरी के 150 से अधिक मामले दर्ज हुए। पुलिस का अनुमान है कि उसने अपने जीवनकाल में कार चोरी, धोखाधड़ी और जालसाजी सहित 1000 से अधिक अपराध किए।
2014-15 के बाद उसके अपराध रिकॉर्ड में गिरावट शुरू हो गई। पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग में एक कार चोरी की घटना में वह शामिल था। 2016 में 77 साल की उम्र में उसे अपने दैनिक आवागमन के लिए रानी बाग में एक कार चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह उसकी 95वीं गिरफ्तारी थी।
मित्तल का अतीत उन्हें जेलों में परेशान करता रहा। बुढ़ापे के कारण उसे लंबे समय तक जेल में नहीं रहना पड़ा। पिछले साल चंडीगढ़ के एक मामले में उसे कुछ समय के लिए जेल में रहना पड़ा था। अपनी रिहाई के बाद लगभग 85 वर्ष के हो चुके मित्तल ने अपने जांच अधिकारी को बताया कि आखिरकार वह जेल में रहकर थक गया है। कुछ ही हफ्तों में उसे लकवा मार गया।
गुरुवार को मित्तल का दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया। शनिवार को निगमबोध घाट पर मित्तल का अंतिम संस्कार किए जाने के बाद उसके बेटे ने कहा, "उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं थीं। वह एक साल से बीमार थे।" आपको बता दें कि मित्तल के खिलाफ अभी भी करीब दो दर्जन मामले लंबित हैं।