कल से देश में शुरू होगा राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण अभियान, ये जानकारी बेहद जरूरी

कोविड-19 के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान

Update: 2021-01-30 14:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : कोविड-19 के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के बीच भारत 31 जनवरी से राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण अभियान भी शुरू करेगा। इस अभियान की शुरुआत वैसे 17 जनवरी से ही होनी थी, लेकिन 16 जनवरी से कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू होने की वजह से इसे स्थगित करना पड़ा था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में 11 बजकर 45 मिनट पर कुछ बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। यह अभियान दो फरवरी तक चलेगा।

इस टीकाकरण अभियान के तहत 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएगी।
पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत जिस रविवार को होती है, उसे राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के रूप में जाना जाता है।
साल 1995 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल के बाद भारत ने पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम शुरू किया था।
पोलियो टीकाकरण अभियान साल में दो बार आयोजित किया जाता है, आमतौर पर साल के शुरुआती महीनों में।
चूंकि फिलहाल कोविड-19 महामारी के खिलाफ भी टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, इसलिए वरिष्ठ नागरिकों को यह सलाह दी गई है कि वे बच्चों को टीकाकरण शिविरों में न ले जाएं।
चूंकि कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कहा था कि पहले से चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
कहा जा रहा है कि अगर पोलियो टीकाकरण अभियान चलता है तो संसाधनों के आधार पर कोविड-19 टीकाकरण को तीन दिनों के लिए रोका जा सकता है।
पोलियो को 'पोलियोमेलाइटिस' भी कहा जाता है। यह एक विषाणु जनित भीषण संक्रामक रोग है, जो पक्षाघात यानी लकवा का कारण बन सकता है, लेकिन पोलियो टीके द्वारा इस बीमारी को आसानी से रोका जा सकता है। पोलियो वायरस से संक्रमित बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं, जो बीमार नहीं पड़ते और उनमें कोई लक्षण भी दिखाई नहीं देते, लेकिन जो बीमार पड़ते हैं, उन्हें लकवा हो जाता है, जो कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है।
पोलियो के लक्षण क्या हैं?

वैसे अधिकतर मामलों में मरीजों में पोलियो के लक्षणों का पता नहीं चलता, लेकिन अन्य मामलों में इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:
फ्लू जैसे लक्षण
पेट दर्द, सिर दर्द, पीठ में दर्द
डायरिया, उल्टी
गले में दर्द, हल्का बुखार
मांसपेशियों में जकड़न
अधिक कमजोरी या थकान होना
सांस लेने में तकलीफ
कुछ भी निगलने में तकलीफ होना
लार गिरना
चूंकि पोलियो एक बहुत ही गंभीर और संक्रामक बीमारी है, इसलिए इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि आप अपने पांच साल तक के बच्चों को हमेशा पोलियो ड्रॉप पिलाते रहें।


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