नैनीताल हाईकोर्ट का भ्रष्टाचार के आरोपी आईएफएस किशन चंद को अग्रिम बेल देने से इनकार
नैनीताल (आईएएनएस)| उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई। पीठ ने किशन चंद की याचिका निरस्त कर दी है। किशन चंद पर कालागढ़ में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में अवैध निर्माण के साथ ही पेड़ों के कटान का आरोप है। सरकार ने किशन चंद को निलंबित कर दिया था। साथ ही विजिलेंस को जांच सौंप दी थी। विजिलेंस ने आरोपी के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। किशन चंद ने एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। साथ ही कहा कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप निराधार हैं। जितने भी कार्य उनके द्वारा किये गए वे विभागीय अधिकारियों की सहमति से किये गए। इसलिए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाये।
मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई 3 जनवरी की तिथि निर्धारित की है।
किशन चंद ने इससे पहले उच्च न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने को लेकर याचिका दायर की थी। जिसको उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया था। सोमवार को अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए उनके द्वारा अग्रिम जमानत हेतु प्रार्थना पत्र दायर किया गया था, जिसे कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया।
पूर्व डीएफओ किशनचंद को पूर्व भाजपा विधायक और रविदासाचार्य सुरेश राठौर ने बीते माह ही उत्तरी हरिद्वार में एक कार्यक्रम के दौरान रविदास अखाड़े में महामंत्री पद से नवाजा था।