नायब तहसीलदार फरार, शादी के बाद पुलिस अधिकारी की बेटी को किया प्रताड़ित

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Update: 2024-11-22 01:44 GMT

यूपी। दिल्ली पुलिस के एक एसीपी की बेटी फैशन डिजाइनर थी. यूपी में नायब तहसीलदार के ओहदे पर तैनात में दीपक जुरैल से उसकी नई-नई शादी हुई थी. शादी के कुछ दिनों तक तो सबकुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन आरोप है कि धीरे-धीरे दीपक और उसके घरवालों ने लड़की को दहेज के लिए कुछ इस कदर सताना शुरू कर दिया कि जीते जी लड़की की जिंदगी नरक बन गई. नई जिंदगी का सपना लिए जिसने खुद को एक नए परिवार में एडजस्ट करना शुरू किया था, वो सारे सपने एक ही झटके में चकनाचूर हो गए.

फिलहाल, हालत ये है कि फैशन डिजाइनर लड़की अपने पति दीपक और ससुर राजकुमार जुरैल के खिलाफ दहेज के लिए सताने, मारपीट करने, जबरन अबॉर्शन करवा देने समेत कई संगीन इल्जा़मों के साथ इंसाफ की लड़ाई लड़ रही है और पति और ससुर अदालत से जमानत खारिज होने के बाद फिलहाल फरार चल रहे हैं. दरअसल, दिल्ली पुलिस के एसीपी की बेटी की शादी 3 दिसंबर 2023 संभल में तैनात दीपक से हुई थी. शादी में लड़की के घरवालों ने अपनी हैसियत के हिसाब से ससुरालवालों को दान दहेज भी दिया था, लेकिन कहानी में सबसे अफसोसनाक मोड़ तब आया, जब लड़की को अपने पति दीपक के बारे में एक ऐसा सच पता चला, जिसे शायद ही कोई लड़की कुबूल कर पाए.

लड़की का इल्जाम है कि दीपक के और भी महिलाओं से रिश्ते हैं और उसने खुद दीपक को कई महिलाओं से अलग-अलग वक्त पर बात करते हुए पकड़ा है. दीपक की इस हरकत का विरोध करने पर वो धीरे-धीरे हिंसक हो गया और उसने अपनी पत्नी के साथ बदतमीजी और मारपीट शुरू कर दी. हद तो तब हो गई, जब पिछले 17 अक्टूबर को उसने कुछ डॉक्टरों से मिलीभगत कर पत्नी की प्रेग्नेंसी टर्मिनेट करवा दी. इसके बाद उसके पिता और दीपक ने अपने एक सहकर्मी के साथ मिलकर पत्नी को बुरी तरह पीटा और घर से निकाल दिया. इससे पहले दीपक और उसके घरवाले लड़की और उसके एसीपी पिता से 20 लाख रुपये दहेज के तौर पर लाने के लिए दबाव बना रहे थे. इस कहानी का एक और हैरान करने वाला पहलू ये है कि दीपक ने अपने घर में अलग-अलग जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए थे. इल्जाम है कि इसके बाद वो अपनी पत्नी के साथ किसी ऐसी जगह पर बदतमीजी करता, जहां कैमरा नहीं होता और फिर आराम से कैमरे की रेंज में आ जाता, जब गुस्से में पत्नी दीपक के साथ लड़ती तो वो सारी चीजें दीपक कैमरे में रिकॉर्ड कर लेता था.

यहां तक कि इस काम के लिए दीपक ने घर में ऑडियो वाले सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे. दीपक की इस हरकत को अदालत ने भी बदनीयती से बनावटी सबूत जुटाने के लिए की गई हरकत माना है. फिलहाल, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के साथ-साथ पिछले 11 नवंबर को हाई कोर्ट से भी जमानत खारिज होने के बाद नायब तहसीलदार और उनके पिता फरार चल रहे हैं. हालांकि पीड़ित परिवार की शिकायतों के बाद हमने दीपक और उसके पिता से संपर्क करने की कोशिश की, उनके नंबरों पर फोन भी किया, लेकिन एक नंबर लगातार नॉट रिचेबल आता रहा, जबकि दूसरा स्विच्ड ऑफ था.


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