NABARD: कृषि क्षेत्र में नया परिवर्तन है सामूहिक खेती, इस तरकीब से आगे बढ़ेंगे छोटे किसान

कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए काम करने वाले नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) के चेयरमैन जीआर चिंताला ने कहा कि समय की मांग को देखते हुए कृषि क्षेत्र (agriculture sector) में एक बड़ा परिवर्तन हो रहा है.

Update: 2021-08-14 15:10 GMT

कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए काम करने वाले नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) के चेयरमैन जीआर चिंताला ने कहा कि समय की मांग को देखते हुए कृषि क्षेत्र (agriculture sector) में एक बड़ा परिवर्तन हो रहा है. यह बदलाव है सामूहिक खेती का. पहले कभी ऐसा काम हुआ ही नहीं. सब किसान अकेले-अकेले खेती करते थे. क्योंकि जमीन पर्याप्त थी. लेकिन अब लैंड काफी टुकड़ों में बंट चुकी है, जिससे जमींदार छोटे हो गए. अब वो किसान उत्पादक संगठन (FPO-Farmer Producer Organization) बनाकर सामूहिक खेती कर रहे हैं. हम उन्हें फाइनेंस कर रहे हैं. छोटे किसान इस तरकीब से आगे बढ़ेंगे.

चिंताला शनिवार को गुड़गांव ग्रामीण बैंक के पूर्व कर्मचारियों द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोविड काल में ग्रामीण क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था (Economy) को बेहतर तरीके से संभाला. उस समय जब सब कुछ बंद था, केवल कृषि क्षेत्र की गतिविधियां ही जारी थीं. जिसके कारण अर्थव्यवस्था को सपोर्ट मिला. कोरोना की दोनों लहर में कृषि क्षेत्र में लॉकडाउन नहीं लगाया गया. इसलिए कृषि पर कोई असर नहीं हुआ. जबकि दूसरे क्षेत्र प्रभावित हुए.
केसीसी का दिख रहा अच्छा असर
नाबार्ड के चेयरमैन ने कहा कि कृषि पर असर नहीं पड़ा, इसीलिए कोविड की वजह से ग्रामीण बैंकिंग में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है. बैंकों ने इस दौरान 15.5 लाख करोड़ के कर्ज (Loan) बांटे हैं. चिंताला ने कहा कि पशुपालन और मछलीपालन के क्षेत्र में किसान क्रेडिट कार्ड का काम पहले थोड़ा धीमा था, लेकिन अब उसने जोर पकड़ लिया है. अब उसका अच्छा परिणाम आ रहा है.
चिंताला ने कहा कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC-Kisan credit card) से पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में नबार्ड की कई सारी योजनाएं जारी हैं. हालांकि, उन्होंने तीन कृषि कानूनों पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. इस कार्यक्रम में नबार्ड की सीईओ दीपा गुहा भी मौजूद थीं.
गुड़गांव ग्रामीण बैंक के निदेशक रह चुके हैं चिंताला
इससे पहले गुड़गांव ग्रामीण बैंक के पूर्व कर्मचारियों की ओर से गुड़गांव ग्रामीण बैंक वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन एवं सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक ऑफीसर आर्गेनाईजेशन के चीफ कोऑर्डिनेटर मुकेश कुमार जोशी ने चिंताला का स्वागत किया. उन्होंने ग्रामीण बैंकों के विकास में दिए गए योगदान पर चर्चा की. जोशी ने कहा कि अपने पूरे कार्यकाल में चिंताला ने ग्रामीण बैंकों की दशा सुधारने और जनता के हित में कई सारी योजनाओं को क्रियान्वित कराया. चिंताला इससे पहले गुड़गांव ग्रामीण बैंक के निदेशक भी रहे हैं.
Tags:    

Similar News

-->