एकता की मिसाल: हिंदू महिला को मुस्लिम महिला ने अपना खून देकर बचाई जान, पढ़े पूरी स्टोरी
बुलढाणा: महाराष्ट्र के बुलढाणा में एक मुस्लिम महिला ने हिंदू महिला को ब्लड डोनेट करके हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की है. दरअसल, बुलढाणा के सरकारी अस्पताल में सविता इंग्ले नामक महिला को बच्चेदानी में इन्फेक्शन था, जिसके चलते उसका ऑपरेशन होना था. सविता को इसके लिए खून की जरूरत पड़ी. लेकिन ओ-निगेटिव ब्लड ग्रुप (O- Blood Group) का कोई भी डोनर उन्हें नहीं मिल रहा था.
खून के लिए सविता के परिजन दर-दर भटकते रहे. हर अस्पताल, हर ब्लड बैंक से लेकर रिश्तेदारों और आस पड़ोस में हर जगह खून का पता किया. लेकिन निराशा ही हाथ लगी. तभी मिर्जा नगर में रहने वाले शेख फारुख को फोन पर किसी ने बताया कि अस्पताल में एक महिला को ओ-निगेटिव खून की जरूरत है. फारुख तुरंत वहां पहंचे क्योंकि उनका ब्लड ग्रुप ओ-निगेटिव है. लेकिन फारुख ने कुछ दिन पहले ही रक्तदान किया था, जिसके चलते डॉक्टरों ने उनका खून नहीं लिया.
फारुख तुरंत घर गए और अपनी बहन राहत अंजुम को यह बात बताई. राहत ने तुरंत अपने भाई से कहा कि वह महिला को अपना खून देंगी. क्योंकि उनका ब्लड ग्रुप भी ओ-निगेटिव है. फारुख अपनी बहन राहत को लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों ने उनका खून सविता के लिए ले लिया.
राहत अंजुम ने बताया कि उसने जात-धर्म कुछ नहीं देखा, बस इंसानियत निभाई. इसके बाद सविता के पिता रामराव बोर्डे ने राहत अंजुम और उनके भाई फारुख का शुक्रिया अदा किया.
रामराव बोर्डे ने बताया, ''मेरी बेटी का ऑपरेशन था और हमें उसके लिए खून की जरूरत पड़ी. हमने काफी जगह पता किया लेकिन हमें हर जगह से निराशा ही हाथ लगी. फारुख और अंजुम ने जो हमारे लिए किया है, मैं उसका शुक्रगुजार हूं.''