जाकिर नाइक का फॉलोअर है मुर्तजा, ATS के हाथ लगे और बड़े अहम सुराग

Update: 2022-04-05 07:50 GMT

लेटेस्ट न्यूज़: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के बाहर पुलिस के जवानों पर किया गया हमला एक गंभीर साजिश का हिस्सा है और उपलब्ध तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि यह आतंकी घटना है। इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। गोरखपुर मंदिर में पीएसी के जवान पर जानलेवा हमला करने के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी के लैपटॉप और मोबाइल फोन की जांच में पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। बताया जा रह है कि अब्बासी प्रतिबंधित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक को फॉलो करता है और यूट्यूब पर उसके भाषणों को सुनता था।

एसटीएफ, एटीएस और पुलिस की टीम ने कुछ वीडियो जब्त भी किए हैं। पेन ड्राइव में भी भड़काऊ वीडियो मिले हैं। मोबाइल फोन में जितने भी नंबर हैं, पुलिस उनकी जांच कर रही है। मोबाइल में सेव ज्यादातर नंबर मुंबई के हैं। जानकारी के अनुसार, हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी से पूछताछ के बाद पुलिस की पांच टीमें उसके हर बयान की गहनता से जांच कर रही हैं। जांच में जो एक बात सामने आई है वो यह कि हमलावर सिरफिरा नहीं था बल्कि साजिश के तहत बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहता था। फिलहाल जांच एजेंसियां इस मामले पर अभी खुलकर कुछ नहीं बता रही हैं कि शख्स ने किसके इशारे पर और किस इरादे से मंदिर परिसर में प्रवेश करना चाहा।

जांच में अहमद मुर्तजा के पास मिला यह: जांच के दौरान अहमद मुर्तजा अब्बासी के कमरे से अरबी भाषा में लिखी एक किताब मिली है। उसके पास से विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, दिल्ली से मुंबई उड़ान का टिकट और उर्दू से मिलती-जुलती इस्लामिक भाषा का साहित्य मिला है।

बताया जा रहा है कि मुर्तजा एटीएस के रडार पर पहले से था। वह अपने घर से लापता था। पुलिस की जांच में पता चला है कि अब्बासी नेपाल गया था। नेपाल से लौटने के दौरान ही महराजगंज से दो बांका (धारदार हथियार) खरीदा। लिहाजा, जांच एजेंसियों की टीम महराजगंज जाकर छानबीन कर रही हैं। इस दौरान वह किस-किस के संपर्क में रहा, इसकी जांच जारी है। 

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