द कश्मीर फाइल्स: मुरली मनोहर जोशी का बयान, भाजपा पर प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप गलत, पढ़े पूरा बयान

Update: 2022-04-07 04:44 GMT

नई दिल्ली: भाजपा के सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी ने फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कई राजनीतिक दल है, जो अब विपक्ष में हैं... उन्होंने 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ कभी आवाज नहीं उठाई। जोशी ने बताया कि कश्मीर हिंसा के वह गवाह रहे हैं।

मुरली मनोहर जोशी ने कहा, "कश्मीर हिंसा जब हुई, तब मैं एक चश्मदीद गवाह था। मैं मध्य प्रदेश के नेताओं केदारनाथ साहनी और आरिफ बैग के साथ कश्मीर गया। हमने कश्मीर के हालात पर रिपोर्ट तैयार की और उसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को सौंपा। टीम कश्मीर में हिंसा के शिकार लोगों से मिली और उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा।"
पूर्व मंत्री ने कहा कि हमें इस बात पर भी हैरानी हुई कि सरकार उनका रेस्क्यू कर रही थी। यह गलत है कि लोग भाजपा पर फिल्म के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग आज भी ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं से अनजान हैं, जिससे अतीत का निष्पक्ष ज्ञान होता है। उन्होंने कहा, "सोहराबजी के समय में जो नरसंहार हुआ था, उसे लोगों के सामने क्यों नहीं पेश किया जा रहा है? हिटलर ने जो किया है वह भी लोगों को नहीं दिखाया गया है। यूक्रेन संकट लोगों के सामने पेश किया जा रहा है। ऐसी घटनाएं हर दिन होती हैं।"
पूर्व मंत्री ने जोर देकर कहा कि लोगों को भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोहराव से बचने के लिए ऐतिहासिक घटनाओं से सबक लेना चाहिए। बता दें कि विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इसमें अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार और अन्य एक्टर्स शामिल हैं। फिल्म में कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को दिखाया गया है, जिन्हें 1990 के दशक में आतंकवाद से बचने के लिए घाटी से भागना पड़ा था।

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