युवक की हत्या: 70 घंटे शव के साथ थाने में प्रदर्शन, जानें क्या है पूरा मामला
मौत पर हंगामा हो रहा है.
नागौर. भावण्डा में जिस युवक की मौत पर हंगामा हो रहा है, उसकी हत्या भी निर्मम (Brutal Murder) तरीके से की गई थी. लोहे की रॉड तथा धारदार हथियार से हमला करने के बाद आरोपियों ने युवक के शरीर में ड्रिल मशीन (Drill machine) भी घुसाई थी. इससे मृतक सुनील के पैर तथा शरीर के अन्य हिस्सों में गहरे घाव बनने से खून रुका नहीं और अहमदाबाद (Ahemdabad) ले जाना पड़ा. इस मामले को लेकर तीन दिन से थाने में शव के साथ प्रदर्शन चल रहा है.
मृतक के पिता शिवराम जाट ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि वारदात एक अक्टूबर रात 9 बजे की है. उसका बेटा सुनील उर्फ सोनू गिरधर धर्मकांटा माणकपुर चौराहे के पास एक कमरे में बैठा हुआ था, तभी उसके साथ मारपीट हुई थी. इसके बाद उसे अहमदाबाद ले जाना पड़ा.
70 घंटे से शव के साथ थाने में प्रदर्शन जारी
रिपोर्ट में आरोप लगाया कि आरोपियों में महिपाल बिडियासर, शोभाराम, महेन्द्र, सुरेश, कानाराम बिडियासर, सीयाराम, गजेन्द्र, बाबूराम, दिनेश मुण्डेल, छैलाराम खाती निवासी भावण्डा तथा जीतू बांता निवासी माणकपुर सभी एकराय होकर सुनियोजित तरीके से धर्म कांटे के कमरे में घुसे और सबसे पहले सुरेश ने सुनील के सिर में लोहे की पाइप से हमला किया. इसके बाद अन्य ने लाठियों व सरियों से मारना शुरू कर दिया. इस हमले में जैसे ही माणकराम, राजू, जयपाल, रामलाल बचाव में आए तो आरोपियों ने उनको बंधक बना लिया.
इसके बाद सुनील के साथ मारपीट करते हुए उसको घसीटकर कमरे से बाहर लेकर आए. इसके बाद उसका अपहरण कर माणकपुर की तरफ ले गए तथा सुनील को मरा समझ फेंककर फरार हो गए. सोनू के साथ इतनी ज्यादा मारपीट की गई कि उसका बहुत खून बह गया, जिससे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
इस हत्या से खाकी हुई है दागदार : बेनीवाल
लगातार दूसरे दिन धरने पर बैठे सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि इस घटना ने अपराधियों और पुलिस के गठजोड़ को साबित कर दिया है. ऐसी निर्मम हत्या के बाद भी पुलिस घटना के समय यह कहती है कि गाड़ी में ईंधन नहीं है, बाद में पता करेंगे और ईंधन भी पीड़ित परिवार ने डलवाया जो पुलिस की नाकामी का पहला कदम था. ऐसी घटना के बाद भी हल्की धाराओं में मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है.