एक Murder: महिला और उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा, शव को कार में...अब जिंदगी भर होगा पछतावा

ठिकाने नहीं लगा पाने के बाद दोनों ने खुद पुलिस के पास जाकर सरेंडर कर दिया था।

Update: 2024-06-09 05:02 GMT
भोपाल: भोपाल में जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक महिला और उसके प्रेमी को महिला के पति की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। मृतक पेशे से व्यापारी था और पाइप का बिजनेस करता था। आरोपियों ने उसकी हत्या करने के बाद उसके शव को ठिकाने लगाने के लिए कार की डिग्गी में रखा था, और उसे लेकर कई घंटों तक शहर की सड़कों पर घूमते रहे। लेकिन ठिकाने नहीं लगा पाने के बाद दोनों ने खुद पुलिस के पास जाकर सरेंडर
कर दिया था।

इस बारे में जानकारी देते हुए विशेष सरकारी वकील सुधा भदौरिया ने बताया कि मामला करीब ढाई साल पुराना है। 7 दिसंबर 2021 को आरोपी संगीता मीणा आत्मसमर्पण करने के लिए कटारा हिल्स थाने में आई थी। उसने बताया कि धनराज मीणा के साथ उसकी शादी साल 2006 में हुई थी, जिससे उसके एक लड़का और एक लड़की हैं। उनका परिवार साल 2014 से कटारा हिल्स इलाके की सागर गोल्डन पाम रेसिडेंशियल सोसायटी में रहता है।
महिला ने बताया कि साल 2015 में उसकी मुलाकात उनके पड़ोस में रहने वाले आशीष पाण्डेय से हुई। पड़ोसी होने के चलते दोनों के बीच दोस्ती हो गई और धीरे-धीरे वे एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए। पति की अनुपस्थिति में आशीष उनके घर आने-जाने लगा। कुछ वक्त बाद दोनों के संबंधों को लेकर संगीता के पति को शक हो गया, और इस बात को लेकर विवाद करने लगा। इसी वजह से धनराज ने आशीष का घर में घुसना बंद करवा दिया और दोनों की मुलाकात भी बंद हो गई।
हत्या से एक महीने पहले धनराज ने संगीता और आशीष को घर में संदिग्ध हालत में देख लिया था। जिसके बाद संगीता ने आशीष के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया। प्रेमी ने महिला से कहा कि तुम उसे खाने में नींद की गोली मिलाकर दे देना, इसके बाद हम उसे मारकर बॉडी को ठिकाने लगा देंगे।
6 दिसंबर 2021 को जब पति धनराज घर पहुंचा, तो पत्नी ने योजना के मुताबिक पति की चाय में नींद की गोलियां मिला दीं। जब उसका पति गहरी नींद में सो गया, तो आशीष आया। आशीष अपनी पत्नी को यह बताकर निकला था कि उसकी नाइट शिफ्ट है, इसलिए पत्नी को भी शक नहीं हुआ। वह कार से संगीता के घर पहुंचा। आने के बाद उसने धनराज के सिर पर डंडे और हथौड़े से वार किया। इसके बाद अपने साथ लाई रस्सी से उसका गला घोंट दिया। उन्होंने कमरे में फैले खून को साफ किया और लाश को बोरे में भरकर आशीष की कार की डिग्गी में रख दिया।
इसके बाद दोनों कार से कोलार डैम के पास उसके शव को ठिकाने लगाने गए, लेकिन ऐसा कर नहीं सके। जब उन्हें लगा कि पुलिस उन्हें पकड़ लेगी, तो दोनों ने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया और वे कटारा हिल्स थाने पहुंचे। यहां संगीता ने बताया कि उसने अपने प्रेमी आशीष के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी है और शव कार में रखा है।
पुलिस ने दोनों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया और आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज कर उसके घर से धनराज की हत्या में इस्तेमाल की गई चीजें जब्त कर लीं।
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