मुंबई: मुंबई की सेशन कोर्ट ने हत्या के आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. इसके पीछे कोर्ट ने वजह बताते हुए कहा कि आरोपी की जमानत उसकी पढ़ाई बाधित कर सकती है. कोर्ट ने कहा कि नाबालिग अभी ऑब्जर्वेशन हाउस में है. अगर उसे जमानत मिलती है तो वह फिर से असामाजिक तत्वों के संपर्क में आ सकता है.
17 साल के नाबालिग को 2 मई 2021 को मुंबई के पंत नगर पुलिस ने एक अन्य आरोपी के साथ एक व्यक्ति पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. हमले में घायल इस व्यक्ति की मौत हो गई थी. इसके बाद नाबालिग आरोपी को डोंगरी के ऑब्जर्वेशन होम में भेज दिया था.
विशेष न्यायाधीश कल्पना पाटिल ने परिवीक्षा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का हवाला दिया. जिसमें कहा गया था कि आरोपी वारदात के वक्त नाबालिग था, लेकिन वह अब वयस्क हो गया है. इसके साथ ही वह पढ़ाई में रुचि दिखा रहा है. और पेशेवर स्किल सीखने में गहरी दिलचस्पी ले रहा है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले दोस्तों से प्रभावित था.
इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ऑब्जर्वेशन होम में रहते हुए आरोपी खुद में सुधार कर रहा है. अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह फिर से असामाजिक तत्वों से जुड़ सकता है.
अदालत ने यह भी कहा कि अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह अहमदनगर जिले में अपनी मां के साथ रहेगा, जहां से उसे मुकदमे के लिए मुंबई जाने में कठिनाई हो सकती है. कोर्ट ने कहा इससे आरोपी की पढा़ई में व्यवधान भी उत्पन्न होगा. साथ ही अहमदनगर से यात्रा करके हर तारीख पर कोर्ट में उपस्थित होना उसके लिए मुश्किल होगा.
वहीं, अतिरिक्त लोक अभियोजक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि वह साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर सकता है. मृतक और आवेदक दोनों एक ही क्षेत्र में रहते थे, इसलिए आरोपी वह जा सकता है और गवाहों को प्रभावित कर सकता है.