कमर्चारियों को वेतन देने नगर निगम बेचेगी अपनी संपत्ति, मंत्री ने कहा - देश में पहली बार हो रहा ऐसा
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसी स्थिति पैदा हुई है कि किसी नगर निगम को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए अपनी संपत्ति बेचनी पड़ेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के नगर निगम कई महीनों से अपने कमर्चारियों को वेतन देने में नाकाम रही है इसलिए कोर्ट ने निगमों को फटकार लगाते हुए कहा है कि निगम अपनी संपत्तियां बेच कर कर्मचारियों को वेतन दे। सिसोदिया ने इसे भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम के लिए काफी शर्मनाक बताया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम आज एक अभूतपूर्व संकट में है। पिछले 20 सालों से दिल्ली के लोगों ने भरोसा करके भाजपा को नगर निगम का शासन सौंपा लेकिन भाजपा ने सिर्फ लोगों के विश्वास को तोड़ने का काम किया है। भाजपा ने निगम में काम करने की जगह उसे बदहाल कर दिया है। इसलिए दिल्ली के निगमों को आज एक ऐसे संकट का सामना करना पड़ रहा है जैसा देश में पहले किसी और नगर निगम को नहीं करना पड़ा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने हमेशा निगमों को समय पर और ज्यादा फंड दिया साथ ही लोन और ब्याज राशि के भुगतान को भी एडजस्ट किया लेकिन उसके बाद भी निगम की हालत बदहाल हो चुकी है। भाजपा ने दिल्ली नगर निगम को बेचने की कगार पर खड़ा कर दिया है। आजतक देश में किसी भी अन्य नगर निकायों पर ऐसी नौबत नहीं आई कि उसे अपनी संपत्ति बेचनी पड़े। इसका सिर्फ एक कारण है भाजपा का भ्रष्टाचार और नाकामी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि निगम का मूल काम साफ-सफाई का ध्यान रखना है लेकिन भाजपा कोई भी एक ऐसा वार्ड नहीं दिखा सकती जिसे मॉडल वार्ड कहा जा सके। भाजपा ने महामारी के दैरान अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टरों तक को वेतन नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि निगम को दिल्ली के नागरिकों से टैक्स मिल रहा है, दिल्ली सरकार भी पैसे दे रही है उसके बावजूद निगम अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है और ऐसी हालत बन गई है कि एमसीडी को अपनी संपत्तियां बेचनी पड़ेगी।