मुंगेर कांड : CISF की रिपोर्ट से खुलासा...झूठा साबित हुआ लिपि सिंह का आरोप, भीड़ ने नहीं पुलिस ने की थी फायरिंग

बिहार के मुंगेर फायरिंग मामले में सीआईएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है।

Update: 2020-10-29 18:25 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | बिहार के मुंगेर फायरिंग मामले में सीआईएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार 26 अक्तूबर  की रात पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मुंगेर पुलिस से भारी चूक हुई है।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद मुंगेर के पूर्व एसपी लिपि सिंह पर कार्रवाई हो सकती है क्योंकि घटना के बाद उन्होंने दावा किया था कि उपद्रव कर रहे लोगों की फायरिंग से युवक की मौत हुई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 26 अक्तूबर की रात 11 बजकर 20 मिनट पर सीआईएसएफ के 20 जवानों की टुकड़ी को मूर्ति विसर्जन की सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से भेजी गई। राज्य पुलिस ने इन 20 जवानों को 10-10 के दो टुकड़ी में बांट दिया।




 इनमें से एक ग्रुप को एसएसबी और बिहार पुलिस के जवानों के साथ दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया। रात के करीब 11 बजकर 45 मिनट पर विसर्जन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और लोकल पुलिस के बीच विवाद शुरू हुआ। इसकी वजह से कुछ श्रद्धालुओं ने पुलिस और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मामला बढ़ने के बाद पुलिस की ओर से स्थिति को काबू में करने के लिए सबसे पहले हवाई फायरिंग की गई। इसके कारण ही श्रद्धालु भड़क गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी। वहीं सीआईएसएफ के हेड कांस्टेबल एम गंगैया पर इंसास राइफल से 5.56 एमएम की 13 गोलियां हवा में फायर करने का आरोप लगाया गया है। इसी की वजह से भीड़ बेकाबू हो गई। इसके बाद पुलिस के जवान अपने-अपने कैंप में सुरक्षित लौट सके।

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