मुंडका अग्निकांड: भीषण आग में 27 की मौत, बिल्डिंग से कूदे लोग, NDRF ने संभाला मोर्चा
नई दिल्ली: दिल्ली के मुंडका में जिस इमारत में आग लगी थी, वह बिल्डिंग सुरक्षा के मानकों पर खरी नहीं थी. इस बात का खुलासा फायर चीफ ऑफिसर अतुल गर्ग ने किया है. उन्होंने आज तक/इंडिया टुडे को बताया कि जिस फैक्ट्री में आग लगी है, उसे फायर डिपार्टमेंट से NOC नहीं मिली थी. उन्होंने कहा कि मुंडका में चलने वाली ज्यादातर फैक्ट्री बिना NOC के संचालित हो रही हैं. यानी सभी फैक्ट्री नियम और कानून को ताक पर रख कर चलाई जा रहीं हैं.
दिल्ली के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि एनओसी के लिए MCD या बिल्डिंग अथॉरिटी हमारे पास पहले ड्रॉइंग भेजती है. लेकिन MCD ने आज तक हमारे पास ये केस नहीं भेजा. MCD को इसे हमारे पास भेजना एनओसी के लिए भेजना चाहिए था. उन्होंने कहा कि यहां अधिकतर फैक्ट्री इसी तरह से चल रही हैं.
बताया जा रहा है कि वहां कोई भी सेफ्टी गार्ड नहीं था. इसके साथ ही एक ही एंट्री प्वाइंट था. उधर, डीसीपी एस शर्मा ने कहा कि हमने कंपनी मालिकों को हिरासत में लिया है. हालांकि पुलिस ने बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही इस केस में FIR दर्ज कर ली गई है.
बता दें कि मुंडका में आग लगने की कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के हादसे हुए हैं. जिसमें कई लोगों की जानें गई हैं.
दिल्ली में कब हुई बड़े हादसे
1- 8 दिसंबर 2019 को रानी झांसी रोड अनाज मंडी में आग. फोन पर जानकारी मिली थी कि घर में आग लगी है लेकिन फैक्ट्री संचालित थी, इसमें 43 लोगों की मौत हुई थी. कई घायल हुए थे. काफी संकरा इलाका होने की वजह से दमकल को पहुंचने में समय लगा था.
2- 12 फरवरी 2019 को करोलबाग के अर्पित होटल में आग लगी 17 से लोगों की मौत हुई थी.
3 - 21 जनवरी 2018 को बवाना में पटाखा फैक्ट्री में आग से 17 लोगों की मौत हुई थी.
4- 20 नवंबर को 2011 नंदनगरी में कार्यक्रम में आग से 14 की मौत हुई थी.
5 - 13 जून 1997 को उपहार सिनेमा में आग लगने से 59 लोगों की मौत हुई थी.