मुंबई लोकल ट्रेन सेवा आम यात्रियों के लिए शुरू कर दी गई, लकिन एक शर्त रखी गई जानिए ?
ऐसे में कहने को तो जिनका टीकाकरण पूरा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- 15 अगस्त से मुंबई लोकल ट्रेन सेवा (Mumbai Local Train) आम यात्रियों के लिए शुरू कर दी गई है. लेकिन एक शर्त रखी गई है. जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है , सिर्फ उन्हें यात्रा करने की अनुमति है. इतना ही नहीं वैक्सीन की दूसरी डोज लिए हुए 14 दिन बीत चुके हों, यह भी शर्त पूरी होना जरूरी है. दोनों डोज ले चुके लोगों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और फोटो आई डी दिखा कर मासिक पास (Monthly Railway Pass) जारी किया जा रहा है. लेकिन दैनिक टिकट देना फिलहाल शुरू नहीं किया गया है.
ऐसे में कहने को तो जिनका टीकाकरण पूरा (Fully Vaccinated) हो गया है, उनके लिए मुंबई लोकल शुरू हो गई है. लेकिन असलियत में ऐसा हुआ नहीं है. इसलिए लोकल शुरू होने के बाद भी और दोनों डोज लेने के बाद भी मुश्किलें कायम हैं. यही कारण है कि मुंबई लोकल में अभी भी भीड़ नहीं दिख रही है. यानी लोग मुंबई लोकल में सफर नहीं कर पा रहे हैं. पहली मुश्किल तो यही है कि अगर आपको अपने काम से रोज कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती है, तब भी आपको महीने भर का पास मिलेगा. एक दिन का टिकट नहीं मिलेगा. यानी एक दिन जाने के लिए भी आपको तीस दिन के पैसे भरने पड़ेंगे. मुश्किल नंबर दो यह है कि अगर आपको रोज अलग-अलग जगहों में जाना पड़ता है. यानी आपकी कोई एक जगह निश्चित नहीं है, तो वैक्सीनेशन के बाद भी आपके लिए मुंबई लोकल का फायदा नहीं है. क्योंकि जगह तय नहीं होने की वजह से आप सिंगल रूट पास बना नहीं सकते, ऑल रूट पास बेहद महंगा होता है और टिकट देना शुरू किया ही नहीं गया है.
यानी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी आप बंध कर रह गए हैं. आपको टिकट नहीं मिल रहा है. मंथली पास ही मिल रहा है. मुंबई महापालिका (BMC) का यह नियम कई मामलों में अटपटा है. शहर में बसें भी मुंबई महानगरपालिका की बेस्ट (BEST) द्वारा चलाई जाती हैं. लेकिन बसों में आप टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं. वहां मंथली पास लेने की जोर-जबर्दस्ती नहीं है. लेेकिन मुंबई महानगरपालिका मुंबई लोकल में यात्रा करने के लिए मंथली पास लेने की जबर्दस्ती आपके साथ कर रही है.
भई सीधी सी बात है, एक कारपेंटर को, एक पेंटर को, एक दिहाड़ी मज़दूर को जहां काम मिलेगा, वहां के लिए घर से निकलेगा कि वो यह देखकर निकलेगा कि उसका पास कहां का बना हुआ है? आपने यह शर्त लाद दी कि वैक्सीन की दोनों डोज लिए हुए लोगों को ही जाने की इजाजत मिलेगी. बात समझ में आती है. लेकिन उन्हें टिकट क्यों नहीं दे रहे हो? जबर्दस्ती मंथली पास क्यों पकड़ा रहे हो? यह बात किसी के समझ नहीं आ रही है.
अब वैक्सीनेशन की शर्तों को लेकर भी जनता की एक मुश्किल समझनी होगी. ज्यादातर उन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज मिल चुकी है जो 45 साल से अधिक उम्र के लोग हैं. जबकि मुंबई लोकल में यात्रा करने वाले ज्यादातर लोग 18 से 44 साल की उम्र के होते हैं. इनमें से ज्यादातर लोगों को वैक्सीन की एक ही डोज मिली है.
एक तो 18-44 उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन मई से शुरू हुआ. फिर वैक्सीन की उपलब्धता कम होने की वजह से इन्हें बीच में रोक दिया गया. फिर केंद्र सरकार की ओर से दो डोज के बीच के समय के अंतर को बढ़ा कर 30 से 45 दिन का कर दिया गया. इसके बाद भी घड़ी-घड़ी वैक्सीन कम होने की वजह से बीएमसी एक ट्विट कर देती है कि 'कल वैक्सीनेशन बंद रहेगा.' ऐसे में वैक्सीन के दोनों डोज जो लोग नहीं ले पाए हैं, इसमें उनका कसूर है क्या? बाहर पढ़ने जाने वाले विद्यार्थियों को अगर जल्दी-जल्दी दो डोज दिए जा सकते हैं तो रोजी-रोटी कमाने के लिए मुंबई लोकल में जाने की इच्छा रखने वालों को जल्दी से वैक्सीन की दोनों डोज क्यों नहीं दी जा सकती? और अगर वैक्सीन की दोनों डोज नहीं दी जा सकती है तो वैक्सीन की एक डोज ले चुके (Partially Vaccinated) लोगों के लिए जो मुंबई लोकल शुरू करने की मांग हो रही है, वह क्यों नहीं सुनी जा रही है?
इस बीच बता दें कि मुंबई कांग्रेस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) को पत्र लिख कर अपील की है कि कम से कम वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को मंथली पास के साथ-साथ टिकट लेकर यात्रा करने की सुविधा भी दी जाए. देखना है मुख्यमंत्री का इस संंबंध में क्या जवाब आता हैै. लेकिन इस संदर्भ में एक और सवाल एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule, MP, NCP) ने उठाया है. उन्होंने सवाल किया है कि मुंबई में वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए मुंबई लोकल शुरू कर दी गई, इसका स्वागत है. लेकिन महाराष्ट्र में कई ऐसी जगहें हैं जहां लोगों को अपने कामों से ट्रेन पकड़ कर जाना होता है. वहां उनके लिए ट्रेनें अभी भी बंद हैं. अन्य शहरों में भी इसी नियम के तहत वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को ट्रेन में यात्रा की अनुमति दी जाए. इस बारे में भी देखना है कि आगे टास्कफोर्स से बात कर सीएम उद्धव ठाकरे क्या फैसला लेते हैं.