मुंबई बम कांड मामला: पाकिस्तान मूल का आतंकी राणा के प्रत्यर्पण को अमेरिकी सरकार का समर्थन

मुंबई बम कांड मामला

Update: 2021-04-13 14:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: वाशिंगटन, मुंबई बम कांड के साजिशकर्ता और पाकिस्तानी मूल के आतंकी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को अमेरिकी सरकार ने अदालत में अपना समर्थन दिया है। अमेरिका के लॉस एंजिलिस की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज जैकलीन कूलजियान को सरकार की तरफ से आग्रह मिला है। इसमें तहव्वुर का भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया गया है।

24 जून को आ सकता है अदालत का फैसला, प्रत्यर्पण के लिए भारत ने सभी सुबूत किए पेश
राणा के प्रत्यर्पण मामले पर 24 जून को अदालत का फैसला आ सकता है। अमेरिका के अटार्नी जॉन लूलजियान ने कहा है कि तहव्वुर का प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत ही किया जा रहा है। इस संधि के तहत ही भारत की सरकार ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग की है। प्रत्यर्पण के लिए भारत ने सभी पर्याप्त सुबूत भी पेश किए हैं।
राणा के बचपन के दोस्त लश्कर आतंकी हेडली को बम कांड में 35 साल कैद की सजा
ज्ञात हो कि राणा के बचपन के दोस्त लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड हेडली को गिरफ्तार किया जा चुका है। उसको बम कांड में लिप्त होने के पर्याप्त सुबूतों के आधार पर 35 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। वह अमेरिका की जेल में ही सजा काट रहा है।
राणा को 2013 में अदालत ने 14 साल की सजा सुनाई थी
तहव्वुर राणा को 2009 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उसे 2013 में 14 साल की सजा सुनाई थी। राणा मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है। उसने चिकित्सा की डिग्री लेने के बाद पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में भी नौकरी की थी।


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