मुख्तार अब्बास नकवी होंगे अगले उपराष्ट्रपति? अटकलें तेज
दावेदारों में मुख्तार अब्बास नकवी का सबसे ज्यादा संसदीय कार्य में अनुभव है.अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती साख और मोदी की 'विकास पुरुष' और सबका साथ सबका विकास की छवि में चार चांद लगेंगे.
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो चुका है, लेकिन उम्मीदवारों का नाम सामने आना बाकी है। हालांकि, खबर है कि नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस की तरफ से मुख्तार अब्बास नकवी के नाम पर लगभग मुहर लग चुकी है। फिलहाल, पार्टी की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुआ है। खबर यह भी है कि दावेदारों की रेस में तीन नए नाम शामिल हो गए हैं। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को मैदान में उतारा है। जबकि, विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, NDA उम्मीदवार के तौर पर नकवी के नाम पर लगभग सहमति बन चुकी है। अटकलें हैं कि अगर नकवी मैदान में उतरते हैं तो विपक्ष के पास भी उनका समर्थन करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा। एक भाजपा नेता के अनुसार, 'अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रा या उप राज्यसभा में उपनेता के तौर पर नकवी ने हमेशा राजनीतिक परिपक्वता, निष्पक्षता और ईमानदारी दिखाई है।'
खास बात है कि नकवी के बाद केंद्र में कोई भी मुस्लिम मंत्री नहीं है भाजपा के सांसदों में भी मुस्लिम सदस्य शामिल नहीं है। वहीं, हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाईप्रोफाइल आजमगढ़ और रामपुर उप चुनाव में जीत में नकवी ने अहम भूमिका निभाई है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर तीन और नाम सामने आए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, सुरेश प्रभु, हरदीप पुरी और एसएस अहलुवालिया भी दौड़ में शामिल हो सकते हैं। अहलुवालिया पश्चिम बंगाल के वर्धमान से लोकसभा सांसद हैं, प्रभु रेल मंत्री रह चुके हैं। जबकि, हरदीप सिंह पुरी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद, मणिपुर की पूर्व राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल का नाम सामने आए थे।
कार्यक्रम के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव 6 अगस्त को होंगे, जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया 5 जुलाई से शुरू हो गई है। उम्मीदवार 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। खबर है कि विपक्ष भी संयुक्त उम्मीदवार के लिए जल्दी बैठक कर सकता है।