यूपी। कानपुर में घर की कलह में एक शख्स ने आत्महत्या की कोशिश की। सास ने अपने दामाद से फोन पर कहा कि जाओ बच्चों को लेकर डूब मरो। इस पर दामाद ने पत्नी को बाइक से उतारा। दोनों मासूम बेटों को लेकर बिठूर गंगा पुल पहुंचा। वहां से दोनों बच्चों को लेकर छलांग लगा दी। मौजूद नाविकों ने घटना देखी तो गंगा में कूद पड़े। दामाद को तो नाविकों ने बचा लिया मगर दोनों बच्चे लापता हो गए। पुलिस ने पति को हिरासत में ले लिया है। दोनों बच्चों की तलाश में शाम तक गोताखोर मशक्कत की, बच्चों का पता नहीं चला।
उन्नाव सफीपुर के सुब्बाखेड़ा निवासी 30 वर्षीय दया शंकर दिल्ली में एक निजी कम्पनी में काम करता है। वहां उसके साथ पत्नी सीता और दो बेटे शिवा (2.5 वर्षीय) व शिवांश (1.5 वर्षीय) रह रहे थे। दयाशंकर ने बताया कि उसके ससुराल वालों से पुरानी कलह चल रही थी, जिसमें बाद में उसके परिवार के लोग भी शामिल हो गए थे। इस कारण वह पत्नी को लेकर दिल्ली में रहने लगा।
गुरुवार को वह पत्नी और बच्चों के साथ दिल्ली से गांव लौटा। उसकी बाइक ससुराल में खड़ी थी। उसने ससुराल में फोन कर अपनी बाइक मंगवाई। दोनों घरों में जाने में उसे कलह होने का डर लग रहा था। जिसके कारण वह तय नहीं कर पा रहा था कि ससुराल जाए या फिर अपने घर। कलह के समय उसकी सास ने उससे कहा था कि बच्चों को लेकर डूब मरो। इसी बात से वो ज्यादा परेशान था।
सास की बात दयाशंकर को घर कर गई। उसने पत्नी को परियर के पास उतारा और मोटरसाइकिल पर बच्चों को लेकर बिठूर गंगा पुल पहुंच गया। पत्नी ऑटो करके उसके पीछे पहुंची। जब तक वह दयाशंकर को रोक पाती उसने पुल से दोनों बच्चों के साथ छलांग लगा दी। पत्नी को उतारने के बाद दया शंकर परियर शराब ठेके पर रुका। बच्चों को बैठा कर शराब भी पिया। दया शंकर ने बताया ने उसके बाद उसके दिमाग में कुछ भी समझ नहीं रही।