चंडीगढ़। भारतीय इतिहास के सुनहरे पन्नों में अंकित सम्राट अशोक और महाराजा विक्रमादित्य के गहन सिद्धांतों को अपनाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशवासियों में आशा और उम्मीद की एक नई किरण जगाई है। ‘सीएम विंडो’ और ‘ट्विटर हैंडल‘ पहल ने इस विश्वास को जन्म दिया है कि सरकार अब उनकी शिकायतों को तुरंत सुनती है, चाहे वह कागज की एक साधारण शीट या कुछ शब्दों के माध्यम से व्यक्त की गई हो। इस परिवर्तन का नेतृत्व ओएसडी भूपेश्वर दयाल कर रहे हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण को बहुत ही कुशलता से वास्तविकता में तब्दील किया है। 2016 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘‘अंत्योदय’’ के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के उन वर्गों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा, जो इस बात से अनजान थे कि ये कल्याणकारी कार्यक्रम उनके लाभ के लिए बनाए गए थे, और वे ही इनके असली लाभार्थी थे। इस अवधि में सीएम विंडो के माध्यम से 10 लाख से अधिक शिकायतों का सफलतापूर्वक समाधान किया गया है। अब यह प्रणाली चौपालों, दरवाजों और सभाओं में इस हद तक चर्चा का विषय बन गई है कि लोग निर्णायक कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री की मुक्त कंठ से सराहना करते दिखते हैं। सरकारी धन का दुरुपयोग करने वालों ने गबन की गई राशि को ब्याज सहित जमा कर खुद को सुधारना शुरू कर दिया है, जो एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। यहां तक कि सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और गांव के सरपंच भी सतर्क हो गए हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके खिलाफ सीएम विंडो पर कोई शिकायत दर्ज न हो। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के ई-टेंडरिंग को अपनाने की इच्छा व्यक्त की है।
लोगों ने महसूस किया है कि ‘सीएम विंडो‘ और ‘ट्विटर हैंडल‘ के माध्यम से वे बिना किसी मध्यस्थ या झिझक के अपने विचारों और शिकायतों को सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा सकते हैं। हरियाणा सिविल सचिवालय के सेवानिवृत्त एचसीएस अधिकारी और अवर सचिव ‘सीएम विंडो‘ पर शिकायत समाधान प्रक्रिया की लगातार निगरानी करते हैं और शिकायतकर्ताओं को उनकी शिकायतों की स्थिति के बारे में नियमित अपडेट प्रदान करते हैं।‘सीएम विंडो‘ या ‘ट्विटर हैंडल‘ पर शिकायत अपलोड करने पर, शिकायतकर्ता को अगले दिन उनके मोबाइल फोन पर अधिसूचना भी प्राप्त होती है, जिसमें उनकी शिकायत के पंजीकरण की पुष्टि होती है। इसके अलावा, शिकायत को आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को अग्रेषित कर त्वरित कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाती है। ‘सीएम विंडो‘ पहल जिला मिनी सचिवालयों और उप-मंडल कार्यालयों से शुरू की गई, जिससे व्यक्ति सीधे अपनी शिकायतें मुख्यमंत्री को भेज सकें। हालांकि विपक्ष इस पारदर्शी प्रणाली को पचाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है जिसमें किसी बिचैलिये की आवश्यकता ही नही है। हरियाणा के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि पिछले शासनकाल के दौरान, दरवाजा केवल चुनिंदा व्यक्तियों के लिए खुला था, जबकि मनोहर लाल की सीएम विंडो राज्य के 2.5 करोड़ से अधिक निवासियों के लिए उपलब्ध है। यहां तक कि कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी विदेश में रहने वाले एनआरआई ने अपने परिवारों के लिए सहायता की अपील करते हुए इन मंच का व्यापक उपयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप कई सफलता की कहानियां सामने आईं।