मोरबी ब्रिज हादसा: जिम्मेदार कौन? हाईकोर्ट ने कहा- नगर पालिका होशियार बनने की कोशिश कर रही, जानें बड़ी बातें

Update: 2022-11-15 07:58 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

अहमदाबाद: फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि मोरबी नगर पालिका होशियार बनने की कोशिश कर रही है. हाईकोर्ट ने पूछा कि 2016 में टेंडर खत्म होने के बाद भी ब्रिज का टेंडर क्यों जारी नहीं किया गया?
गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना पुल टूट गया था. उस वक्त पुल पर करीब 300-400 लोग मौजूद थे. इस हादसे में 134 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए गुजरात सरकार, मोरबी नगर पालिका समेत तमाम विभागों से जवाब मांगा था.
हाईकोर्ट ने इस मामले में मंगलवार को सुनवाई की. इस दौरान राज्य सरकार ने बताया कि हादसे के 5 मिनट बाद ही पुलिस रेस्क्यू के लिए घटनास्थल पहुंच गई थी. रेस्क्यू अभियान भी तेजी से चलाया गया. राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री भी कुछ घंटों में ही मौके पर पहुंच गए थे.
हाईकोर्ट ने पूछा कि इस हादसे से पहले क्या कदम उठाए गए थे. इतना नहीं बेंच ने पूछा कि ब्रिज की मरम्मत को लेकर प्राइवेट ठेकेदार और नगर पालिका में क्या समझौता हुआ था. हाईकोर्ट ने कहा कि कॉन्ट्रैक्टर का कार्यकाल 2016 में खत्म हो गया था. इसके बावजूद नगर पालिका ने कोई टेंडर नहीं उठाया. HC ने कहा कि नगर पालिका होशियार बनने की कोशिश कर रहा है.
हाईकोर्ट ने मोरबी के जिला जज को यह सुनिश्चित करने के लिए आदेश जारी किया कि नगर पालिका को नोटिस भेजा जाए कि कल फिर से सुनवाई की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि बिना टेंडर कंपनी को राज्य की उदारता दी गई.
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