मोरबी ब्रिज हादसा: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका ख़ारिज की
बड़ी खबर
अहमदाबाद। मोरबी झूलता पुल गिरने के मामले में दो आरोपियों को गुजरात हाईकोर्ट से दी गई जमानत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका ख़ारिज की। सुप्रीम कोर्ट ने हादसे के दिन लोगों को टिकट जारी करने वाले आरोपियों की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है. आपको बता दें कि ये दोनों आरोपी पुल पर टिकट वसूली के काम में शामिल थे और पुलिस ने लापरवाही से टिकट बेचने के आरोप में दोनों को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारडीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मोरबी के ‘दुर्घटना पीड़ित संघ’ के वकील की उस दलील से सहमत नहीं हुई कि गुजरात हाई कोर्ट ने गलत तरीके से आरोपी को जमानत दे दी है.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 9 जून को गुजरात उच्च न्यायालय की ओर से आरोपी मनसुखभाई वालजीभाई टोपिया को दी गई जमानत को रद्द करने की याचिका को खारिज करते हुए कहा, “वह सिर्फ टिकट बेच रहा था.” पीठ ने अपने आदेश में कहा, “हम संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं.” तदनुसार विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी झूलता पुल मामले में आरोपी को नियमित जमानत दे दी थी. टिकट बेचने वाले महादेव सोलंकी और मनसुख पटेल को इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वे पुलिस जांच में सहयोग करेंगे. मोरबी पुल हादसे वाले दिन 3165 टिकट बेचे गए थे. इस मामले में मृतक के परिजनों की ओर कोर्ट में पेश वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया था. परिजनों ने आरोप लगाया कि टिकट की कालाबाजारी की गई थी जिससे लोगों को भीड़ ज्यादा हो गई थी और पुल गिर गया था.
गौरतलब है कि 30 अक्टूबर 2022 को मोरबी में झुलता पुल गिरने से 135 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इस त्रासदी ने 1979 में मच्छू बांध आपदा की याद दिला दी थी. पुल की मरम्मत का ठेका घड़ी बनाने वाली एक कंपनी को दिया गया था, जिसकी लापरवाही से कई लोगों की जान चली गई थी. यह त्रासदी उस समय हुई जब गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर दुख व्यक्त किया और तुरंत मोरबी पहुंचकर मरीजों से मिले और मृतकों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा की. छठ पूजा के दिन पुल पर भारी भीड़ जमा होने के कारण तार टूट गया और पुल नदी में गिर गया था. हादसे के वक्त पुल पर करीब 500 लोग मौजूद थे.