दिल्ली समेत इन राज्यों में 11 जुलाई तक पहुंच सकता है मानसून, पूरे देश में इस महीने होगी अच्छी बारिश
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने रविवार को कहा कि एक ब्रेक के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून फिर से एक्टिव फेज में आने के लिए तैयार है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन (M Rajeevan) ने रविवार को कहा कि एक ब्रेक के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) फिर से एक्टिव फेज में आने के लिए तैयार है. राजीवन ने कहा कि पूर्वानुमान मॉडल 8 जुलाई से बारिश की गतिविधियों में वृद्धि के संकेत दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि मॉडल बंगाल की खाड़ी में मौसम प्रणाली के बनने का संकेत दे रहा है.
सचिव एम राजीवन ने बताया कि पूर्वानुमान मॉडल 8 जुलाई से दक्षिण, पश्चिमी तट और पूर्वी मध्य भारत में बारिश के संकेत दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि मॉडल, 12वीं और उसके बाद एक्टिव मानसून फेज तक BoB पर वैदर सिस्टम के गठन का एक प्रारंभिक संकेत भी दे रहे हैं. राजीवन तीन दशक से अधिक समय से दक्षिण-पश्चिम मानसून पर रिसर्च कर रहे हैं. जून के पहले ढाई हफ्तों में अच्छी बारिश के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 जून से आगे नहीं बढ़ा है.
इन राज्यों में अब भी मानसून का इंतजार
दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान में अभी भी मानसून का आगमन नहीं हुआ है. यह पूछे जाने पर कि मानसून के दिल्ली सहित शेष हिस्सों में कब तक पहुंचने की उम्मीद है, राजीवन ने कहा कि यह 11 जुलाई के आसपास पहुंच सकता है. अपने पूर्वानुमान में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि इस महीने (जुलाई में) पूरे देश में अच्छी बारिश होगी.
हालांकि, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम या सामान्य बारिश होने के अनुमान हैं. इसमें कहा गया है कि वैदर सिस्टम की कमी की वजह से 7 जुलाई तक मानसून की प्रगति के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं. जुलाई के पूर्वानुमान की जानकारी देते हुए मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि प्रथम सप्ताह में अच्छी बारिश होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन महीने के दूसरे हफ्ते के दूसरे हिस्से से इसके जोर पकड़ने की संभावना है.
देश में जुलाई 2021 में मासिक बारिश कुल मिलाकर सामान्य ( दीर्घ अवधि औसत का 94 से 106 प्रतिशत) रहने की संभावना है. महापात्र ने कहा कि भारत की मानसून प्रणाली पर प्रशांत और हिंद महासागर के सतह के तापमान का असर होता है, इसलिए आईएमडी ध्यानपूर्वक इसमें होने वाले बदलावों पर नजर रख रहा है. विभाग मौसम के दूसरे हिस्से (अगस्त-सितंबर) के लिए बारिश का पूर्वानुमान जुलाई के अंत में या अगस्त की शुरुआत में जारी करेगा.