दिल्ली में आने वाला है मानसून, इन राज्यों में होगी भारी बारिश
दिल्ली सहित आसपास के हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्लीः दिल्ली सहित आसपास के हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है, जिससे लोग घरों से बाहर निकलते हुए बच रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश होने से कुछ इलाकों में बाढ़ के हालात बने हैं, जिससे बचाव को एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया गया है।
दक्षिणी भारत के तमाम हिस्सों में मानसूनी बारिश लोगों की शामत बनी हुई है, जिससे तापमान भी काफी नीचे चल रहा है। अब उम्मीद है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोगों का मानसून का इंतजार खत्म होने जा रहा है। यहां 27 जून को मानसून दस्तक दे सकता है। भारतीय मौसम विभाग(आईएमडी) ने देश के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है।
इन इलाकों में होगी भारी बारिश
आईएमडी के मुताबिक, अगले चार दिनों के दौरान पश्चिमी तट पर भारी बारिश जारी रहने की संभावना जताई गई है। इस बीच, देश के उत्तर-पश्चिम और आसपास के मध्य क्षेत्रों में रविवार तक हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। अगले पांच दिनों के दौरान कर्नाटक, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, केरल और माहे और लक्षद्वीप में गरज के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।
आने वाले कुछ दिनों के दौरान कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल और माहे में और दक्षिण गुजरात में सोमवार तक भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 26 जून तक भारी बारिश होने की संभावना है।
शनिवार को उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में भी बारिश की संभावना है। 26 जून तक कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक में भी भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। अगले पांच दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में बारिश की संभावना है।
यहां भी होगी बारिश
आईएमडी के मुताबिक, अगले 5 दिनों के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। उप-हिमालयी पश्चिम में भी भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। 26-28 जून के दौरान बंगाल और 27 और 28 जून को अरुणाचल प्रदेश में भी मौसम बिगड़ा रहेगा। 27 जून से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में निचले स्तर की पूर्वी हवाओं की स्थापना के प्रभाव में बारिश की गतिविधि बढ़ने की संभावना है।