बंदरों ने तोड़ी चद्दर, बारिश से होगा करोड़ों का नुकसान
इलाके में फैली सनसनी
बूंदी। बूंदी राज्य सरकार की उपेक्षा की वजह से बंद सहकारी चीनी मिल पर अब बरसाती पानी का खतरा मंडराने लग गया है। बंदरों ने मिल के सीमेंट के चद्दर क्षतिग्रस्त कर दिए। जर्जर हो चुकी मशीनरी को पानी से बचना अब मुश्किल हो गया है। मिल को 22 साल पहले राज्य सरकार ने बंद कर इसकी देखरेख के लिए कोटा सहकारी समितियों के रजिस्टर को अवसायक नियुक्त किया था। मिल का ढकान सीमेंट के चद्दरों से कर रखा है। मिल क्षेत्र में इन दिनों लाल व काले मुंह के बंदरों का उत्पात है। यह बंदर मिल की छत ऊपर उछल कूद करते रहते हैं, जिससे चद्दर टूट गए हैं। चद्दर टुटने से बरसात के मौसम में अब पानी मिल के अंदर ही गिरेगा, जिससे करोड़ों रुपए की मशीनरी खराब होने का खतरा मंडरा चुका है। इस समस्या पर किसी का भी ध्यान नहीं है, जिससे करोड़ों रुपए की मशीन के लोहे को जंग लगने का खतरा बना हुआ है।
सरकारी चीनी मिल को चलाने की मांग को लेकर दो दशक से क्षेत्र के किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन किसानों की आवाज को राज्य सरकार नहीं सुन रही है। गन्ना उत्पादक किसान राज्य सरकार से मिल चलाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार किसानों की मांगों पर गंभीर नहीं है। भारत जोडों यात्रा के दौरान किसानों व संघर्ष समिति ने राहुल गांधी को भी समस्या से अवगत कराया था। सहकारी चीनी मिल अब असुरक्षित हो चुका है। इनकी चारों ओर की चारदीवारी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।अब तक लाखों रुपए का सामान चोरी चला गया, जिसकी रिपोर्ट होने के बाद भी वह सामान पुलिस बरामद नहीं हो पाई है। मिल में लाखों रुपए का लोहा बिखरा पड़ा है। उसकी देखरेख भी नहीं हो पा रही है। खुले में पड़ा लोहा जंग लगने से बेकार हो गया। इस मिल को बचाने के लिए राज्य सरकार ध्यान नहीं दे रही है, जिससे करोड़ों रुपए की मशीनरी जर्जर हो चुकी हैं लोहा पीतल तांबा चोरी चला गया है।