महाराष्ट्र। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। आज देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. रक्षाबंधन भाई-बहन के स्नेह का पर्व है. बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए सालभर इस त्योहार का इंतजार करती हैं. यह पवित्र त्योहार सावन शुक्ल की पूर्णिमा को मनाया जाता है. जो लोग भद्रा काल के डर से 30 अगस्त को रक्षाबंधन नहीं मना सके, वो आज त्योहार मना सकते हैं. आइए आपको रक्षाबंधन का महत्व और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बताते हैं.
रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई बहनों को जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. राजसूय यज्ञ के समय भगवान कृष्ण को द्रौपदी ने रक्षा सूत्र के रूप में अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था. तभी से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है.
31 अगस्त को 7 बजकर 5 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी. इसलिए आपको यह तिथि समाप्त होने से पहले ही भाई को राखी बांधनी होगी. 31 अगस्त की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में राखी बांधने का श्रेष्ठ मुहूर्त है. इस दिन सुबह 4 बजकर 26 मिनट से लेकर से लेकर सुबह 5 बजकर 14 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा. यानी ब्रह्म मुहूर्त में भाई को राखी बांधने के लिए आपको पूरे 48 मिनट का समय मिल रहा है. सनातन परंपरा में ब्रह्म मुहूर्त को बहुत ही शुभ माना गया है.