मोदी सरकार ने संसद में दिया जवाब, यूपी और असम की तरह देशभर में लागू होगी 'दो बच्चा नीति'?
असम और उत्तर प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बनाए जा रहे कानूनों के बीच बड़ा सवाल यह है
असम और उत्तर प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बनाए जा रहे कानूनों के बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार पूरे देश में इस तरह की नीति को लागू करेगी? मोदी सरकार ने संसद में इसका जवाब दिया है। बीजेपी के ही एक सांसद की ओर से लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने शुक्रवार को कहा कि इस तरह के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं चल रहा है।
बीजेपी सांसद उदय प्रताप के सवाल का जवाब 'ना' में देते हुए मंत्री ने कहा, ''अंतरराष्ट्रीय अनुभव दिखाता है कि बच्चों की एक निश्चित संख्या के लिए कोई भी जबरदस्ती या फरमान का परिणाम प्रतिकूल होता है। इसकी वजह से जनसांख्यिकीय विकृतियां होती हैं, बेटों को प्राथमिकता देते हुए गर्भपात, बेटियों का परित्याग, यहां तक कि कन्या भ्रूण हत्या होती है।'' लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि अंतत: इससे लिंगानुपात का संतुलन बिगड़ता है।
मोदी सरकार में हाल ही में मंत्री बनाई गईं पवार का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि असम और उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति को लेकर बहस छिड़ी हुई है। बीजेपी शासित दोनों राज्यों में दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को कई तरह की सुविधाओं से वंचित करने की तैयारी चल रही है। पवार ने यह भी कहा कि केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने बिना सख्ती किए जनसंख्या को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है।