मोदी सरकार ने जानकारी दी, तीनों सेनाओं में इतने जवानों ने की आत्महत्या

Update: 2022-07-19 12:30 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: देश की सुरक्षा में तैनात आर्मी, वायुसेना और नौसेना के जवानों में सुसाइड की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए राज्य रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने जानकारी दी है कि पिछले पांच सालों में तीनों सेनाओं के कुल 819 जवानों ने आत्महत्या कर ली है.

यहां भी सर्वधिक आत्महत्या की घटनाएं आर्मी में देखने को मिली हैं. पिछले पांच सालों में आर्मी के 642 जवानों ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली, वहीं वायुसेना के 148 जवानों ने सुसाइड किया और नेवी के भी 29 जवानों ने आत्महत्या की. इस बारे में राज्य रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में जोर देकर कहा है कि तनाव और सुसाइड की बढ़ती घटनाओं को कम करने को लेकर 2009 से ही काम चल रहा है. एक मेंटल हेल्थ प्रोग्राम भी पहले से ही एक्शन में है.
ये भी जानकारी दी गई है कि जिन भी जवानों को डिप्रेशन या तनाव की शिकायत रहती है, कमांडिंग ऑफिसर से लेकर मेडिकल ऑफिसर तक उनकी काउंसलिंग करते हैं. एक तय प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया जाता है. वहीं जो भी ऑफिसर छुट्टियों को बाद वापस सर्विस ज्वाइन करते हैं, उनकी भी विस्तृत मेडिकल जांच की जाती है.
अजय भट्ट ने जानकारी दी है कि आर्मी के अंदर नियमित अंतराल पर तनाव कम करने वाले सेशन करवाए जाते हैं. मनोचिकित्सकों और कमांडरों द्वारा ही उन सेशन्स का आयोजन होता है और बड़ी संख्या में जवान उसमें हिस्सा लेते हैं. वैसे आर्मी के अलावा भारतीय नौसेना ने भी अपने जवानों की सेहत का ध्यान रखते हुए बड़ी पहल की है. उनकी तरफ से IN-SMART (Indian Navy Strategy for Mental Health Assistance Resilience and Training) की शुरुआत की गई है. एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है जो सिर्फ नेवी के जवानों की मदद करने के लिए शुरू हुआ है. INHS Asvini पर कार्यरत जवान और ऑफिसर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा नेवल स्टेशनों पर काउंसलिंग की भी पूरी सुविधा दी गई है.

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